UP Politics: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने यूपी में खेला दलित कार्ड, बृजलाल खाबरी को बनाया प्रदेश अध्यक्ष
कांग्रेस ने यूपी में ब्रजलाल खाबरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर दलित कार्ड खेला है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए उन्होंने अन्य पार्टियों से इतर दलित पर दांव लगाया है। इस बार कांग्रेस ने 2024 में जीत हासिल करने के लिए बीएमडी फॉमूर्ला (ब्राह्मण, दलित और मुस्लिम) पर भरोसा दिखाया है,
UP Politics: कांग्रेस (Congress) ने यूपी में बृजलाल खाबरी (Brijlal Khabri)को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर दलित कार्ड खेला है. लोकसभा चुनाव को देखते हुए उन्होंने अन्य पार्टियों से इतर दलित पर दांव लगाया है. इस बार कांग्रेस ने 2024 में जीत हासिल करने के लिए बीएमडी फॉमूर्ला (ब्राह्मण, दलित और मुस्लिम) पर भरोसा दिखाया है, पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के साथ अजय कुमार लल्लू के इस्तीफे बाद से यह पद खाली चल रहा था। शनिवार को पार्टी ने नए अध्यक्ष के रूप में बृजलाल खाबरी के नाम का ऐलान हो गया। उनके साथ ही छह प्रांतीय अध्यक्षों के नामों की भी घोषणा हुई। इस बारे में पिछले कुछ दिनों से कयास भी लगाए जा रहे थे,
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो सपा और बसपा के प्रदेश अध्यक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से है. प्रदेश में इनका वोट बैंक काफी बड़ा है. सभी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की कमान इस वर्ग के नेता को सौंपकर सेफ गेम खेलने के पक्ष में रहती हैं. भाजपा ने अभी हाल में जाट नेता भूपेंद्र चौधरी को अपना अध्यक्ष बनाया है. इसके पहले इस पद पर स्वतंत्र देव और केशव इनके यहां ओबीसी नेता में शुमार थे. यह भी पढ़े: UP कांग्रेस के नए अध्यक्ष बने बृजलाल खाबरी, नसीमुद्दीन सिद्दीकी और अजय राय को भी जिम्मेदारी
भाजपा ने हाल ही में जाट नेता भूपेन्द्र सिंह चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान दी है. इनसे पहले इस पद पर आसीन स्वतंत्र देव सिंह तथा केशव प्रसाद मौर्य ओबीसी नेता थे. यूपी में दलित चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में आगे कर कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि अब उनकी राजनीति अब दलित समुदाय के आसपास घूमने वाली है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष बृजलाल खाबरी का राजनीतिक सफर बसपा से शुरू हुआ था. उनकी गिनती बुंदेलखंड के बसपा के कद्दावर नेताओं में होती थी. खाबरी 1999 में जालौन-गरौठा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. बसपा के टिकट पर 2004 का भी लोकसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन हार का स्वाद चखना पड़ा था। साल 2008 में बसपा ने उन्हें राज्यसभा पहुंचाया था। 2014 में जालौन-गरौठा सीट से बसपा लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे.
खाबरी साल 2016 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. 2017 में ललितपुर जनपद की महरौनी सीट से विधानसभा का चुनाव लड़े, लेकिन सफलता नहीं मिली। जबकि, 2019 में कांग्रेस के टिकट पर जालौन-गरौठा सीट से लोकसभा का चनाव लड़ा और हार गए। 2022 में कांग्रेस से महरौनी से विधानसभा का चुनाव लड़े, इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इनकी पत्नी उर्मिला सोनकर खाबरी सेवानिवृत्त पीसीएस अधिकारी हैं.
प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त होने की घोषणा पर बृजलाल खाबरी ने कहा कि मैं इस भूमिका के लिए तैयार हूं। कांग्रेस सभी को साथ लेकर चलती है। हम धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करते. दलित प्रदेश अध्यक्ष होने पर उन्होंने कहा कि पार्टी ने आज की जरूरत को ध्यान में रखकर निर्णय लिया है. प्रदेश में कांग्रेस को लेकर चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि राजनीतिक हालात बदलते रहते हैं. पहले हम सत्ता में थे। अब नहीं हैं. ये लड़ाई देश और संविधान बचाने की है और हम सभी को साथ लेकर चलेंगे.
जहां बृजलाल खाबरी उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष होंगे. उनके साथ ही कांग्रेस ने छह प्रांतीय अध्यक्ष भी घोषित किए हैं. यूपी कांग्रेस की नई टीम में नसीमुद्दीन सिद्दीकी, अजय राय, वीरेंद्र चौधरी, नकुल दुबे, अनिल यादव और योगेश दीक्षित को प्रांतीय अध्यक्ष बनाया गया है. पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में जीत हासिल करने के लिए बीएमडी फॉर्मूला (ब्राह्मण, दलित और मुस्लिम) पर भरोसा दिखाया है.