नई दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) नक्सलियों से युद्ध में महारत रखने वाले अपने ‘कोबरा’ कमांडो (CoBRA Commando) बल में महिला कर्मियों को शामिल करने जा रही है. नक्सलियों से लोहा लेने के लिए 34 महिला कमांडो को ट्रेनिंग दी जा रही है. जल्द ही उन्हें रेड कॉरिडोर में चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों में शामिल किया जायेगा. नक्सलियों के खात्मे के अभियान में पहली बार ‘लेडी कोबरा कमांडो’ शामिल होगी. छत्तीसगढ़: नक्सल प्रभावित बस्तर में स्थापित किया गया महिला पुलिस बैंड
सीआरपीएफ प्रमुख एपी माहेश्वरी (AP Maheshwari) ने शनिवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा “अगर हम लिंग के आधार पर भेदभाव करते हैं, तो यह हमारे खराब नेतृत्व गुणों को दर्शाता है. प्रशिक्षण के बाद महिला CoBRA कमांडो को नक्सल प्रभावित (Left Wing Extremism) क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा.”
CRPF inducts women commandos for anti-naxal operations. 34 women personnel from 6 Mahila Battalions will undergo a CoBRA pre-induction training for 3 months. After completion of their training, the batch will be posted in LWE areas alongside their male counterparts. pic.twitter.com/Rc5DFsT5y2
— ANI (@ANI) February 6, 2021
प्राप्त जानकारी के मुताबिक छह महिला बटालियन की 34 महिला जवानों को तीन महीने के लिए कोबरा प्री-इंडक्शन ट्रेनिंग दी जा रही है. कोबरा कमांडो की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सभी को उनके पुरुष समकक्षों के साथ LWE क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि खुफिया सूचना आधारित जंगल युद्ध अभियानों के लिए सीआरपीएफ के तहत 2009 में ‘कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन’ (कोबरा) की 10 इकाइयां गठित की गई थी. ज्यादातर कोबरा टीमें नक्सल प्रभावित राज्यों में तैनात हैं और कुछ टीमें उग्रवाद रोधी अभियानों के लिए पूर्वोत्तर के राज्यों में रखी गई हैं. कोबरा इकाइयों में शामिल किये जाने वाले सैनिकों को मानसिक एवं शारीरिक स्तर पर कड़े मानदंडों पर खरा उतरना पड़ता है.
सीआरपीएफ में 1986 से ही महिला कर्मी हैं, जब इसकी प्रथम महिला बटालियन का गठन किया गया था. बल में अभी ऐसी छह इकाइयां हैं. बल में करीब 3.25 लाख कर्मी हैं और यह देश का सबसे बड़ा अर्द्धसैनिक बल है. इसका गठन आंतरिक सुरक्षा के उद्देश्य से किया गया था.