करनाल में ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन, CM मनोहर लाल ने कहा- हादसो में आएगी कमी
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चंडीगढ़ , 6 अगस्त: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल में ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन कर प्रदेश को बड़ी सौगात दी. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस केन्द्र के स्थापित होने से करनाल तथा आसपास के जिलों के नागरिकों को बहुत लाभ होगा. यहां प्रतिदिन 300 से 350 युवाओं को हल्के व भारी मोटर वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि ड्राइविंग के अच्छे प्रशिक्षण से हमें अच्छे चालक मिलेंगे व सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और CM मनोहर लाल ने किया पंचकूला में NIFT का उद्घाटन

उन्होंने कहा कि हमारे देश में यातायात की स्थिति गंभीर होती जा रही है. सड़कों पर काफी वाहनों का आवागमन रहता है. इस बढ़ते हुए यातायात की वजह से सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है. ऐसे में सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों की सही जानकारी प्रत्येक वाहन चालक के लिए बड़ी जरूरी है. मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षण केंद्र में सहयोग के लिए वाहन निर्माता कंपनी होंडा का आभार जताते हुए कहा कि होण्डा कंपनी के सहयोग से आज से शुरू किया जा रहा यह ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट इस दिशा में महत्वपूर्ण योगदान करेगा.

इस संस्थान का शिलान्यास मुख्यमंत्री ने ही 29 मार्च, 2018 को किया था. करनाल में इस संस्थान को खोलने की घोषणा भी उन्होंने ही 14 दिसम्बर, 2016 को की थी. लगभग 34 करोड़ रुपये की लागत से 9.25 एकड़ भूमि पर स्थापित यह सैंटर होण्डा मोटर स्कूटर इण्डिया लिमिटिड के सहयोग से स्थापित किया गया है.

अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर तैयार इस संस्थान में ऑटोमेटिड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक, आधुनिक प्रशिक्षण उपकरण और कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से युक्त क्लास रूम, वर्कशॉप, इंजन रूम और इलेक्ट्रॉनिक्स डिस्प्ले बनाये गये हैं. यहां दोपहिया, तिपहिया, चारपहिया, लाइट मोटर तथा भारी वाहनों के चालन की ट्रेनिंग दी जाएगी. परीक्षण ट्रैक पर व्यावहारिक प्रशिक्षण देने और ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के लिए इस केंद्र में एक स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक भी होगा. यह संस्थान पूरी तरह से स्वचालित होगा और इसकी कार्य प्रणाली में किसी भी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा. सेंटर में दूर के छात्रों के लिए छात्रावास भी बनाया गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेक सड़क दुर्घटनाएं चालकों के पास कौशल और सड़क नियमों के ज्ञान की कमी के कारण होती हैं. इसलिए हमने चालक बनने के इच्छुक युवाओं को उपयुक्त प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है. राज्य में चालकों के प्रशिक्षण की पर्याप्त व्यवस्था के लिए राज्यभर में स्वचालित चालक प्रशिक्षण संस्थान व क्षेत्रीय चालक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे. इसके तहत कैथल, बहादुरगढ़ और रोहतक में आधुनिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे से लैस तीन चालक प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान स्थापित किए हैं.

अशोक लीलैंड और मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड जैसे मूल उपकरण निर्माता इन तीनों परियोजनाओं में भागीदार हैं. अब करनाल के इस संस्थान सहित 4 संस्थान हो गये हैं. इनके अलावा 8 अन्य संस्थान खुलने जा रहे हैं. इनमें जिला भिवानी में कालूवास, नूंह में छपेड़ा, रेवाड़ी में जयसिंहपुर खेड़ा, जींद में पेगा, सोनीपत में मुरथल, यमुनानगर में औरंगाबाद, पलवल में बहिन और जिला फरीदाबाद में खेड़ी गुजरां शामिल हैं.

जिला गुरुग्राम में क्षेत्रीय चालक प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किया जाएगा. इन संस्थानों में मोटर वाहन चलाने के लिए प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद, आवेदक को संबंधित लाइसेंसिंग प्राधिकरण के समक्ष खुद को पेश करने की आवश्यकता नहीं होगी. आज देश-विदेश में प्रशिक्षित ड्राइवरों की बड़ी जरूरत है. इन सैंटरों की स्थापना से प्रदेश में बड़ी संख्या में बेरोजगार युवकों को देश-विदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख सड़क हादसे होते हैं. इनमें लगभग 1.5 लाख लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. देश में सड़क दुर्घटनाओं में हरियाणा राज्य 13वें स्थान पर आता है और राज्य सरकार, सड़क सुरक्षा के प्रति बहुत गम्भीर है. सड़क सुरक्षा के सभी कार्यों के लिए राज्य सरकार द्वारा परिवहन विभाग, हरियाणा को लीड एजैंसी घोषित किया गया है.

मनोहर लाल ने कहा कि सरकार का लक्ष्य सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के कारणों का सर्वेक्षण करके और उनके कारणों को सुधार करके राज्य में हो रही इन दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी लाना है, जिसके लिए हम सभी को और अधिक प्रयत्न करने होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा एक बहुआयामी विषय है. इसमें केवल मात्र सरकार की ही भूमिका नहीं है, बल्कि जनता, गैर-सरकारी संस्थाओं और उद्योगों को भी आगे आना होगा, तभी हम एक सुरक्षित सड़क तंत्र स्थापित कर सकते हैं.