Chhattisgarh Geo-Referencing of Land Maps: छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में भूमि संबंधी विवादों के निपटारे के लिए एक नई पहल की है. सीएम विष्णुदेव साय ने सोशल साइट एक्स के जरिए बताया कि उनकी सरकार नई तकनीक का इस्तेमाल करने जा रही है. इसके लिए जिओ रिफ्रेंसिंग तकनीक के उपयोग को मंजूरी दे दी गई है. इसके साथ ही राजस्व प्रशासन को सुदृढ़ करने के लिए बजट में 150 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है.
सीएम साय ने आगे कहा कि जिओ रिफ्रेंसिंग तकनीक के माध्यम से छोटी से छोटी भूमि का वास्तविक चिन्हांकन करना आसान होगा. इससे जमीन संबंधी विवादों को हल करने में मदद मिलेगी. जिओ रिफ्रेंसिंग के काम को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए हमारी सरकार तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के नवीन पदों का भी सृजन करने जा रही है.
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भूमि संबंधी विवादों को दूर करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की नई पहल
छत्तीसगढ़ में भूमि संबंधी विवादों को दूर करने के लिए हमारी सरकार नई तकनीक का इस्तेमाल करने जा रही है। इसके लिए जिओ रिफ्रेंसिंग तकनीक के उपयोग को मंजूरी दे दी गई है, साथ ही राजस्व प्रशासन को सुदृढ़ करने के लिए बजट में 150 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
जिओ रिफ्रेंसिंग तकनीक…
— Vishnu Deo Sai (Modi Ka Parivar) (@vishnudsai) June 12, 2024
खसरा के स्थान पर दिया जाएगा UL पिन नंबर
बता दें, इस तकनीक के माध्यम से भूमि के नक्शों के लिए खसरा के स्थान पर यू.एल.पिन नंबर दिया जाएगा. इसके साथ ही भूमिधारक को भू-आधार कार्ड मिलेगा. जियो रेफरेंसिंग तकनीक में भूमि के छोटे से छोटे टुकड़े का लॉन्गीट्यूड और एटीट्यूड के जरिए वास्तविक जमीन को चिन्हित करना आसान हो जाएगा. शहरी क्षेत्रों में भूमि से जुड़ी समस्याओं को देखते हुए जमीन का नए सिरे से सर्वे किया जाएगा. इससे शहरी क्षेत्रों में घनी आबादी होने पर जमीन के छोटे से छोटे टुकड़े को भी आसानी से भू नक्शे में दर्ज किया जा सकेगा. इसके अलावा राजस्व प्रशासन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से भूमि डायवर्सन की प्रक्रिया को ऑनलाइन करने की योजना है.