Chhattisgarh: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहना कबाड़ के जुगाड़ से बना ‘ताज’, किसी दोस्त की तरह बच्चों के साथ खेला इंडोर गेम्स

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज पत्थलगांव विधानसभा क्षेत्र में आम जनता से भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान पत्थलगांव स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल पहुंचे. वहां उन्होंने छात्रा कृति और निधि के आग्रह पर बच्चों के आग्रह पर 'कबाड़ के जुगाड़ से बना- ताज पहना. मुख्यमंत्री ने छात्राओं द्वारा कबाड़ से बनाए गए इस ताज की सुंदरता एवं उनकी कलाकृति की सराहना की.

सीएम भूपेश बघेल

रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने आज पत्थलगांव विधानसभा क्षेत्र में आम जनता से भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान पत्थलगांव स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल पहुंचे. वहां उन्होंने छात्रा कृति और निधि के आग्रह पर बच्चों के आग्रह पर 'कबाड़ के जुगाड़ से बना- ताज पहना. मुख्यमंत्री ने छात्राओं द्वारा कबाड़  से बनाए गए इस ताज की सुंदरता एवं उनकी कलाकृति की सराहना की. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर स्कूल के छात्रों के बच्चों के आग्रह पर कैरम में स्ट्राइकर से गोटी पर निशाना लगाया. लूडो और शतरंज भी खेला.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जमीनी हालत को जानने के लिए राज्य के दौरे पर हैं. इसी क्रम में उन्होंने बीते हफ्ते कांकेर विधानसभा क्षेत्र के बादल ग्राम में पहुंचकर आंगनवाड़ी केंद्र का जायजा लिया, बच्चों से बात की और किचन में पहुंचकर कुकर खोला और खिचड़ी देखी. मुख्यमंत्री बघेल कांग्रेस विधानसभा क्षेत्र के भ्रमण के दौरान शासन की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन की बारीक मॉनिटरिंग की.

जब वे बादल ग्राम के आंगनवाड़ी पहुंचे तो उन्होंने बच्चों की सेहत पर गौर किया और इसके बाद किचन की ओर भी बढ़ गए. उन्होंने सेविका से पूछा कि बच्चों के लिए आज क्या बनाया है? उन्होंने कुकर का ढक्कन खोला. बच्चों के लिए गर्म भोजन के लिए खिचड़ी बनाई गई थी. मुख्यमंत्री ने कुकर खोलते हुए कहा कि खिचड़ी की बढ़िया खुशबू है. बच्चे इसे मजे से खाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चे मजबूत रहेंगे, तभी छत्तीसगढ़ मजबूत रहेगा.

मुख्यमंत्री ने सेविका और सहायिका को कहा कि जितना स्वादिष्ट खाना बनाएंगी, बच्चों को आंगनवाड़ी में रहना उतना ही भाएगा. मुख्यमंत्री ने बच्चों को दुलारा और उन्हें चाकलेट्स भी दिए. मुख्यमंत्री ने बच्चों से बात भी की. वह देर तक बच्चों के पास बैठे रहे. बच्चों ने उन्हें वर्णमाला और एबीसीडी सुनाई.

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