Chandrayaan 3 Launch Video: चंद्रयान 3 सफलतापूर्वक लॉन्च, ISRO ने रचा इतिहास, 40 दिन बाद चांद पर उतरेगा लैंडर

आज दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया.

Chandrayaan 3 Successfully Launched: आज दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया. लॉन्चिंग को देखने के लिए इसरो की साइट पर काफी लोग पहुंचे थे.

चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट के तीन लैंडर/रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं. करीब 40 दिन बाद, यानी 23 या 24 अगस्त को लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे. ये दोनों 14 दिन तक चांद पर एक्सपेरिमेंट करेंगे. प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा के ऑर्बिट में रहकर धरती से आने वाले रेडिएशन्स की स्टडी करेगा.

सितंबर 2019 में इसरो ने चंद्रयान-2 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने की कोशिश की थी, लेकिन तब लैंडर की हार्ड लैंडिंग हो गई थी. पिछली गलतियों से सबक लेते हुए चंद्रयान-3 में कई बदलाव भी किए गए हैं.

अगर मिशन सक्सेसफुल रहा तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा. मिशन के जरिए इसरो पता लगाएगा कि लूनर सरफेस कितनी सिस्मिक है, सॉइल और डस्ट की स्टडी की जाएगी. चंद्रयान-3 का बजट लगभग 615 करोड़ रुपए है.

भारत का अब तक का चंद्रयान सफर

चंद्रयान-1

भारत का पहला चंद्रयान मिशन 22 अक्टूबर 2008 को को लॉन्च किया गया था. इसमें एक ऑर्बिटर और एक इम्‍पैक्‍टर चांद की ओर भेजा गया था. 8 नवंबर 2008 को चांद की कक्षा में पहुंचा. यह मिशन दो साल के लिए था. चंद्रयान-1 ने चांद की सतह पर पानी के संकेत खोजे.

चंद्रयान-2

20 अगस्त 2019 को चंद्रयान-2 को चांद की कक्षा में पहुंचाया गया. 7 सितम्बर को विक्रम लैंडर को चांद पर फाइनल लैंडिंग होनी थी लेकिन चांद की सतह से कुछ दूरी पर ही इसका ISRO से संपर्क टूट गया. हालांकि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर अभी भी चांद की कक्षा में अपना काम कर रहा है.

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