Chandrayaan-3: चांद पर 8 मीटर की दूरी तय कर चुका है चंद्रयान-3 का रोवर, ISRO ने दिया ताजा अपडेट

Chandrayaan-3 का रोवर प्रज्ञान (Pragyan) लैंडर से बाहर आने के बाद चांद की सतह पर करीब 8 मीटर (26.24 फीट) चल चुका है.

Chandrayaan-3 Mission Update | ISRO

Chandrayaan-3 का रोवर प्रज्ञान (Pragyan) लैंडर से बाहर आने के बाद चांद की सतह पर करीब 8 मीटर (26.24 फीट) चल चुका है. ISRO ने ट्वीट करके यह जानकारी साझा की. इसरो ने बताया कि रोवर, लैंडर और प्रोपल्शन मॉड्यूल ठीक स्थिति में हैं और सभी के पेलोड्स यानी उनके अंदर लगे यंत्र सही-सलामत काम कर रहे हैं. इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने चंद्रयान-3 मिशन के रोवर ‘प्रज्ञान’ के लैंडर ‘विक्रम’ से बाहर निकलने और इसके चंद्रमा की सतह पर चलने का एक शानदार वीडियो शुक्रवार को जारी किया. यह वीडियो लैंडर के इमेजर कैमरे ने बनाया है. Chandrayaan-3: चांद पर चल रहे 'रोवर प्रज्ञान' और विक्रम लैंडर को इस चीज से है बड़ा खतरा, ISRO चीफ ने कहा- चैलेंज कभी खत्म नहीं हुआ.

इसरो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर यह वीडियो साझा करते हुए संदेश लिखा, ‘‘... और चंद्रयान-3 का रोवर, लैंडर से निकलकर इस तरह चंद्रमा की सतह पर चला.’’ भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने चंद्रयान-3 के लैंडर के चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने के बाद चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर हाई रेजोल्यूशन कैमरा (ओएचआरसी) से ली गई उसकी तस्वीर भी जारी की.

ISRO ने शेयर किया अपडेट

इसरो ने सोशल मीडिया मंच पर लिखा, ‘‘... चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने चंद्रयान-3 लैंडर की तस्वीरें लीं. चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर हाई-रेजोल्यूशन कैमरा (ओएचआरसी) चंद्रमा की परिक्रमा कर रहे वर्तमान में मौजूद सभी कैमरों की अपेक्षा में सर्वश्रेष्ठ रेजोल्यूशन वाला कैमरा है. इसने 23 अगस्त 2023 को चांद की सतह पर उतरे चंद्रयान-3 लैंडर को कैमरे में कैद किया.’’ चंद्रयान-2 ऑर्बिटर को 2019 में प्रक्षेपित किया गया था. यह अब भी चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगा रहा है.

‘प्रज्ञान’ के साथ ‘विक्रम’ बुधवार को अपने मकसद के लिए निर्धारित ‘‘क्षेत्र के भीतर’’ चंद्रमा की सतह पर उतरा था. चंद्रमा की सतह पर उतरने के कुछ घंटों बाद 26 किलोग्राम वजनी छह पहियों वाला रोवर, लैंडर से बाहर निकला. इसरो ने गुरुवार शाम कहा था, ‘‘सभी गतिविधियां निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी हैं. सभी प्रणालियां सामान्य हैं.

लैंडर मॉड्यूल में मौजूद इल्सा (‘इंस्ट्रूमेंट फॉर लूनर सीस्मिक एक्टिविटी’), रंभा (रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव आयनोस्फियर एंड एटमॉस्फियर) और चेस्ट आज चालू हो गए. रोवर ने चलना शुरू कर दिया है. ‘प्रोपल्शन मॉड्यूल’ में मौजूद ‘शेप’ (स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लैनेट अर्थ) पेलोड का संचालन रविवार को शुरू हो गया था.’’

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस लैंडर मॉड्यूल की ‘सॉफ्ट लैंडिग’ कराने में सफलता हासिल की. भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ. इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का पहला देश तथा चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया.

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