Chanakya Niti: पति-पत्नी के बीच उम्र का अंतराल क्या होना चाहिए? जानें क्या कहती है चाणक्य नीति!

आचार्य चाणक्य की चिंतन विचारधारा एवं यथार्थवाद व्यावहारिकता का प्रतीक है, जो आम लोगों को जीवन एवं समाज की अच्छाइयों को स्वीकारने एवं समझने के लिए प्रेरित करती है, ताकि सफलता के नए शिखर तक पहुंचा जा सकें. चाणक्य का व्यावहारिक दृष्टिकोण पारंपरिक और मान्यताओं को चुनौती देता है, लोगों को सामाजिक मानदंडों एवं मान्यताओं पर प्रश्न उठाने के लिए प्रोत्साहित करता है.

Chanakya Niti (img: file photo)

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की चिंतन विचारधारा एवं यथार्थवाद व्यावहारिकता का प्रतीक है, जो आम लोगों को जीवन एवं समाज की अच्छाइयों को स्वीकारने एवं समझने के लिए प्रेरित करती है, ताकि सफलता के नए शिखर तक पहुंचा जा सकें. चाणक्य का व्यावहारिक दृष्टिकोण पारंपरिक और मान्यताओं को चुनौती देता है, लोगों को सामाजिक मानदंडों एवं मान्यताओं पर प्रश्न उठाने के लिए प्रोत्साहित करता है.

आचार्य ने पति-पत्नी के रिश्तों से जुड़ी ऐसी बातों का भी जिक्र किया है, जो इस रिश्ते को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाती हैं. इनमें से एक है पति-पत्नी के बीच सही उम्र का अंतर होना. आइए जानते हैं कि आचार्य नीति के अनुसार पति-पत्नी की उम्र में किस अंतराल से दांपत्य-जीवन में खुशहाली आ सकती हैं. यह भी पढ़े: Chanakya Niti: जीवन में सफलता पाना चाहते हैं तो मुर्गा को बनाएं मित्र, अपनाएं उसके ये 4 गुण!

उम्र में कम अंतराल हो

आचार्य चाणक्य के अनुसार पति-पत्नी का रिश्ता ऐसा होना चाहिए, जहां दोनों शारीरिक एवं मानसिक स्तर पर संतुलित हो. उम्र का ज्यादा अंतराल पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन में तालमेल बैठाने में परेशानियां होती हैं. चाणक्य के अनुसार एक वृद्ध पुरुष एवं जवान महिला का दाम्पत्य जीवन आये दिन दोनों के जीवन में जहर घोलता है. ऐसी शादिय़ां लंबे अंतराल तक नहीं चलती हैं.

उम्र का ज्यादा अंतराल दाम्पत्य जीवन में खटास लाता है

चाणक्य नीति के अनुसार, किसी भी पुरुष और स्त्री की मित्रता में भी उम्र का ज्यादा अंतराल नहीं होना चाहिए. यह विवाह बेमेल होने के कारण पति-पत्नी के बीच मुश्किलें पैदा कर सकता है, ऐसी स्थिति में दोनों के जीवन में आये दिन विरोध एवं विद्रोह की संभावनाएं रहती हैं.

तीन से पांच साल का अंतराल काफी है

आचार्य के अनुसार पति-पत्नी के बीच उम्र का अंतराल पांच साल से ज्यादा नहीं होना चाहिए. उम्र के इस गैप में दोनों की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति और सोच समान होती है, दोनों एक दूसरे की अच्छाइयों एवं बुराइयों को समझते हैं, उससे तालमेल बिठाने का प्रयत्न करते हैं. इस वजह से उनके दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है.

पत्नी की उम्र ज्यादा हो तो:

आचार्य की नीतियों के अनुसार अगर पत्नी की उम्र पति से ज्यादा (2 से 3 साल) है तो घर-गृहस्थी के लिए लाभकारी होता है, क्योंकि बड़ी उम्र की महिला से शादी करने पर आर्थिक पक्ष हमेशा मजबूत रहता है. बड़ी उम्र की महिलाएं अपने साथ-साथ अपने घर-गृहस्थी को भी अच्छे से संभाल सकती हैं, अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभा सकती है. बड़ी उम्र की महिलाएं अपने पति के साथ किसी भी मुसीबत में खड़े रहकर उनका साथ निभाना पसंद करती हैं.

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