CEO की मौत के साथ दफन हो गई 1300 करोड़ रुपए की क्रिप्टोकरेंसी, निवेशकों में मचा हडकंप!
बिटकॉइन (Photo Credits: Getty)

नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का कारोबार करने वाले लोगों को हालिया समय में पुलिसिया कार्रवाई का सामना करना पड़ा है. इस बीच एक ऐसी खबर आई है जिससे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करनेवालों को तगड़ा झटका लगा है. दरअसल कनाडा की क्रिप्टोकरंसी फर्म क्वाड्रिगा (Quadriga) के फाउंडर और सीईओ जेराल्ड कॉटन (Gerald Cotten) की 30 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. जिस कारण क्रिप्टोकरंसी की जानकारी वाले प्रमुख कंप्यूटर का ऑनलाइन एक्सेस नहीं हो पा रहा है. सरल शब्दों में कहे तो कॉटन की मौत से 190 मिलियन डॉलर यानी करीब 1350 करोड़ रुपए की क्रिप्टोकरेंसी फंस गई है क्योकि इसे एक्सेस करने का पासवर्ड सिर्फ कॉटन को पता था.

जानकारी के मुताबिक पिछले साल 9 दिसंबर को जेराल्ड कॉटन का बीमारी के चलते भारत में निधन हो गया. क्वाड्रिगा के मुताबिक करोड़ों की क्रिप्टोकरंसी लॉक हो गई है. जिस वहज से अब निवेशक अपने एकाउंट को एक्सेस नहीं कर पा रहे हैं. इस बात का खुलसा पिछले हफ्ते कंपनी द्वारा कनाडा के कोर्ट में दायर की गई एक अर्जी के बाद हुआ.

जेराल्ड कॉटन ने क्रिप्टोकरंसी के सारे लेनदेन अकेले ही हैंडिल करते थे. बताया जा रहा है कि जेराल्ड कॉटन ने क्रिप्टोकरंसी की जानकारियां लीक होने से बचाने के लिए अपना लैपटॉप, ईमेल एड्रेस और मैसेजिंग सिस्टम सब कुछ एनक्रिप्टेड किया था. कॉटन के अलावा पासवर्ड किसी और को नहीं पता. एनक्रिप्टेड होने की वजह से उसकों तोड़ पाना असंभव है.

क्वाड्रिगा के जरिए 3.63 लाख निवेशक बिटकॉइन, लाइटकॉइन और इथ्रीरियम कॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी से व्यापार किया करते थे. वहीं निवेशकों के क्रिप्टोकरेंसी अकाउंट के बारे में जानकारी नहीं होने का हवाला देते हुए कंपनी ने भी पैसे लौटने में असमर्थता जताई है. जिसके बाद से सभी निवेशकों में हाहाकार मच गया है.

भारत में हर बिटक्वाइन का कारोबार 10 लाख रुपये से ज्यादा का है, जबकि लोग इसमें 3,000 रुपये से कई लाख रुपये निवेश कर रहे हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंक समेत सभी नियंत्रित कंपनियों के बिटक्वाइन जैसी आभासी मुद्राओं में कारोबार पर रोक लगाने के लिए कहा है.