कोरोना वायरस के हल्के लक्षण वालों को मिलेगी सेल्फ-आइसोलेशन की अनुमति, केंद्र सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन
देशभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते संक्रमण के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने आइसोलेशन संबंधी नया दिशा-निर्देश जारी किया है. हालांकि यह केवल उन मरीजों के लिए है जो कोविड-19 (COVID-19) के बहुत हल्के या पूर्व-लक्षण अवस्था में हैं. अब ऐसे मरीज अपने घर पर ही सेल्फ आइसोलेशन में रह सकते है.
नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते संक्रमण के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने आइसोलेशन संबंधी नया दिशा-निर्देश जारी किया है. हालांकि यह केवल उन मरीजों के लिए है जो कोविड-19 (COVID-19) के बहुत हल्के या पूर्व-लक्षण अवस्था में हैं. अब ऐसे मरीज अपने घर पर ही सेल्फ आइसोलेशन में रह सकते है. यानि कि कोविड-19 के लक्षण दिखने पर मरीज को घर के अंदर ही आइसोलेशन में रहने का विकल्प होगा.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिशा-निर्देश में कहा कि डॉक्टर द्वारा चिकित्सकीय रूप से मंजूरी देने के बाद मरीज को सेल्फ आइसोलेशन में रखा जा सकता है. हालांकि इससे पहले मरीज को अंडरटेकिंग सेल्फ आइसोलेशन अग्रीमेंट करना पड़ेगा. सेल्फ जबकि आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को गंभीर लक्षण या लक्षण बढ़ने के चलते तत्काल चिकित्सकीय मदद की सलाह दी गई है. यदि मरीज को साँस लेने में कठिनाई, सीने में लगातार दर्द व दबाव, मानसिक भ्रम, होंठ व चेहरे के नीले रंग के दिखने पड़ तत्काल अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दिया गया है. नोएडा: चार महीने के मृत बच्चे के पिता में कोरोना वायरस की पुष्टि
सेल्फ आइसोलेशन की पात्रता-
- मरीज के पास घर पर सेल्फ आइसोलेशन के लिए आवश्यक सुविधा होनी चाहिए और संपर्क में आने वाले परिवार के लोगों को क्वारंटाइन किया जा सके.
- देखभाल करने के लिए हर वक्त (24x7) कोई होना चाहिए, जो सेल्फ आइसोलेशन कि पूरी अवधि के दौरान अस्पताल के साथ संपर्क में रहे.
- देखभाल करने वाले और ऐसे मामलों के सभी करीबी संपर्कों को प्रोटोकॉल के अनुसार हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफिलैक्सिस लेना होगा.
- आरोग्य सेतु ऐप (Arogya Setu App) को हर समय एक्टिव रखना जरुरी है.
- रोगी को अपने स्वास्थ्य की निगरानी करनी होगी और नियमित रूप से जिला निगरानी अधिकारी को इसकी जानकारी देनी पड़ेगी.
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों को अनिवार्य रूप से अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा. हालांकि केवल मरीज के प्राथमिक और माध्यमिक संपर्कों को घर पर क्वारंटाइन की अनुमति होगी. इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि पॉजिटिव मरीज भी घर पर क्वारंटाइन में रह सकते हैं. जिससे उनकी आलोचना होनी शुरू हो गई थी.