नई दिल्ली, 2 अप्रैल : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) 100 करोड़ रुपये की रंगदारी मामले में एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, संजीव पलांडे, कुंदन शिंदे और सचिन वाजे को हिरासत में लेने के लिए तैयार है. जिसमें मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह शामिल हैं. घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि चारों आरोपियों को आगे की जांच के लिए दिल्ली लाया जाएगा. देशमुख, पलांडे और शिंदे एक विशेष ईडी अदालत की हिरासत में हैं, जबकि वाजे एनआईए अदालत की हिरासत में हैं. दोनों अदालतों ने अनुमति दी कि उनकी हिरासत सीबीआई द्वारा अपने हाथ में ले ली जाए. देशमुख, पलांडे और शिंदे फिलहाल आर्थर रोड जेल में बंद हैं, जबकि वाजे तलोजा जेल में हैं. संबंधित जेलों के अधीक्षकों को इस घटनाक्रम से अवगत करा दिया गया है.
सीबीआई ने 21 अप्रैल, 2021 को देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी और जांच शुरू की थी. परमबीर सिंह के खिलाफ पांच कथित भ्रष्टाचार और रंगदारी के मामले दर्ज हैं. पिछले साल 4 मई को वह अपने खिलाफ जांच से बचने के लिए लापता हो गये थे. बाद में, वह अपना बयान दर्ज करने के लिए मुंबई अपराध शाखा के सामने पेश हुए, जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत दी कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. सीबीआई ने पहले देशमुख को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन बाद में उन्होंने मामले की जांच के लिए प्राथमिकी दर्ज की. यह भी पढ़ें : Himachal Pradesh: चैत्र नवरात्रि उत्सव मनाने के लिए मंदिरों में उमड़ी भीड़
सीबीआई ने सात लोगों के बयान भी फिर से लिखे हैं, (सभी मुंबई पुलिस वाले), जिन्हें कथित तौर पर देशमुख की सुरक्षा में तैनात किया गया था. देशमुख और वाजे अक्सर फोन पर बात करते थे. दिसंबर 2020 और फरवरी 2021 के बीच, वाजे ने कथित तौर पर मुंबई में ऑर्केस्ट्रा बार के मालिकों से लगभग 4.70 करोड़ रुपये वसूले थे. देशमुख के पीए शिंदे ने कथित तौर पर वजे से उक्त राशि एकत्र की. देशमुख के पीएस सूर्यकांत पलांडे ने कथित तौर पर देशमुख की ओर से निर्देश पारित किए.