नई दिल्ली: सीबीआई विवाद में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से ठीक एक दिन पहले नया मोड़ आया है. गुरुवार को एक सीबीआई प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि आलोक वर्मा सीबीआई डायरेक्टर के तौर पर काम करते रहेंगे और राकेश अस्थाना स्पेशल डायरेक्टर बने रहेंगे. प्रवक्ता ने कहा कि जब तक केंद्रीय सतर्कता आयोग इस मामले की जांच कर रहा है तब तक एम नागेश्वर राव सीबीआई डायरेक्टर के कामकाज की निगरानी रखेंगे.
सीबीआई विवाद में मंगलवार 23 अक्टूबर की आधी रात को आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया गया था. सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि इन दोनों को छुट्टी पर भेजने के दौरान इनके अधिकार ले लिए गए थे, जो अभी वापस नहीं मिले हैं.
Alok Verma will continue to remain CBI Director, Rakesh Asthana to remain Special Director. M Nageshwar Rao to look after duties & functions of the CBI Director in the interim period till the time CVC looks into the allegations: CBI official spokesperson
— ANI (@ANI) October 25, 2018
सीबीआई की छवि के लिए कर रहें हैं काम
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, 'हम इस तथ्य से पूरी तरह अवगत हैं कि एजेंसी की विश्वसनीयता और छवि में किसी भी तरह की गिरावट से वे महत्वपूर्ण मामले प्रभावित होंगे, जिन्हें हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लड़ रहे हैं. हम जो कुछ भी कर रहे हैं, इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कर रहे हैं सीबीआई की छवि को नुकसान न पहुंचे.' राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- भ्रष्टाचार के सबूत मिटाने के लिए रात 2 बजे CBI डायरेक्टर को हटाया
सीबीआई प्रवक्ता ने यह भी कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं कि एजेंसी राफेल सौदे की जांच कर रही है, जो कि गलत है. ऐसी खबरें अपने फायदे के लिए गढ़ीं जा रही हैं.
क्या है सीबीआई विवाद
केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई में शीर्ष के दो अधिकारियों की लड़ाई में बुधवार सुबह नया मोड़ आया. केंद्र सरकार ने सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया. इससे पहले मंगलवार को आलोक वर्मा ने अपने जूनियर राकेश अस्थाना से सारी जिम्मेदारियां छीन ली थीं.
बुधवार को आलोक वर्मा को हटाने का फैसला आया तो विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि राकेश अस्थाना पीएम मोदी के प्रिय ऑफिसर रहे हैं और उन्हीं को बचाने के लिए आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया गया. CBI vs CBI: जानें कौन है रामपुर का मोइन कुरैशी, जिसकी वजह से सीबीआई में मचा है घमासान और क्या है पाकिस्तान कनेक्शन
गौरतलब है कि राकेश अस्थाना के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल गठित हुई थी, जो मांस निर्यातक मोइन कुरैशी केस की जांच कर रही थी. आरोप है कि इसकी जांच में कुरैशी को बरी करने के लिए अस्थाना ने रिश्वत ली. दूसरी तरफ अस्थाना का आरोप है कि आलोक वर्मा ने इसकी जांच रुकवा दी.