पत्नी अगर बच्चा पैदा ना कर सके, तो इसे आधार बनाकर तलाक नहीं मांगा जा सकता: कलकत्ता हाईकोर्ट

अदालत ने यह भी कहा कि जो पत्नी बच्चा ना होने की वजह से पहले ही तकलीफ में है, उससे इस आधार पर तलाक मांगना, आईपीसी के सेक्शन 498ए के तहत मानसिक क्रूरता है.

Calcutta High Court (Photo: Wikimedia Commons)

Calcutta High Court Statement On Divorce: पत्नी अगर बच्चा पैदा ना कर सके, तो इसे आधार बनाकर उससे तलाक नहीं मांगा जा सकता है. यह बात कलकत्ता हाई कोर्ट ने कही है. अदालत ने कहा कि यह तलाक का वैध आधार नहीं हो सकता है. साथ ही, अदालत ने यह भी कहा कि जो पत्नी बच्चा ना होने की वजह से पहले ही तकलीफ में है, उससे इस आधार पर तलाक मांगना, आईपीसी के सेक्शन 498ए के तहत मानसिक क्रूरता है.

जस्टिस शंपा दत्त पाल ने कहा, "माता-पिता बनने के कई विकल्प हैं. ऐसे मौकों पर पति/पत्नी को समझदारी दिखानी चाहिए क्योंकि बस वही अपने पार्टनर को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तौर पर फिर खड़ा होने में मदद कर सकता है. ताकि वह दुनिया, खासकर समाज का सामना बहादुरी से साथ मिलकर कर सके."

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