
लखनऊ, 17 मई: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के विभिन्न जिलों में प्रवासियों को उनके गंतव्य तक ले जाने के लिए बसों की तैनाती शुरू हो गई है. अधिकारियों का कहना है कि अब कोई प्रवासी मजदूर अपने घरों तक पैदल नहीं जा रहा है. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के एमडी राज शेखर ने कहा, "हम जिला मजिस्ट्रेटों के लिखित अनुरोध पर विभिन्न जिलों में जितनी बसों की आवश्यकता होगी ,उतनी बसें भेजेंगे.
हमने अपने ड्राइवरों और कंडक्टरों को भी निर्देशित किया है कि प्रवासियों को उनके गंतव्य तक छोड़ने के बाद वापस आते समय, यदि वे अन्य प्रवासियों को पैदल चलते हुए देखते हैं, तो वे उन्हें खाली बसों में सवार करें और उन्हें जिला सीमाओं पर पिकअप प्वाइंट्स तक छोड़ें." बसों को सभी जिलों की सीमाओं पर पिक-अप पॉइंट पर तैनात किया जाएगा.
औरैया सड़क दुर्घटना के बाद शनिवार की सुबह जिसमें 24 प्रवासी मारे गए थे, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया कि किसी भी प्रवासी को पैदल, साइकिल या अनाधिकृत वाहनों पर आवाजाही की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने शनिवार को आधी रात तक चली सभी जिला मजिस्ट्रेटों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई एक बैठक में कहा कि अगर प्रवासियों को अपने गंतव्य के लिए पैदल जाते हुए पाया गया, तो संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि सभी प्रवासियों को प्रवेश बिंदुओं पर रोक दिया जाना चाहिए, उन्हें वहीं भोजन और पानी दिया जाना चाहिए और फिर उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग की जानी चाहिए. उन्होंने आदेश दिया, "इस प्रक्रिया के बाद, प्रवासियों को बसों में उनके गंतव्यों तक ले जाना चाहिए." मुख्यमंत्री द्वारा यह निर्देश जारी करने के तुरंत बाद, राज्य की राजधानी के सभी प्रवेश बिंदुओं पर प्रवेश रोक दिया गया है.
इस बीच, लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे ने कहा, "दो इंस्पेक्टर, आठ सब-इंस्पेक्टर और 30 कांस्टेबल के अलावा पीएसी की एक कंपनी को हर एंट्री प्वाइंट पर तैनात किया जाएगा. प्रवासी कामगारों को पैदल, ऑटो, टेम्पो, साइकिल या ट्रकों परजाने की अनुमति नहीं होगी. उन्हें बसों में उनके गंतव्य तक ले जाया जाएगा."
इसके एक घंटे के भीतर ही लखनऊ-कानपुर राजमार्ग पर वाहनों की लंबी कतार देखी गई. झांसी में उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश सीमा पर रक्सा में रविवार सुबह लगभग 20 किलोमीटर तक यातायात जाम हो गया.