Budget 2022: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने केंद्रीय बजट को निराशाजनक, दिशाहीन और बेकार बताया

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने मंगलवार को केंद्रीय बजट को बेहद निराशाजनक, दिशाहीन, बेकार और उद्देश्यहीन करार दिया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह बजट अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, किसान, आम आदमी, गरीब, कारीगर और कर्मचारियों के लिए पूरी तरह से निराशाजनक है.

के. चंद्रशेखर राव (Photo Credits: PTI)

हैदराबाद, 1 फरवरी : तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने मंगलवार को केंद्रीय बजट को बेहद निराशाजनक, दिशाहीन, बेकार और उद्देश्यहीन करार दिया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह बजट अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, किसान, आम आदमी, गरीब, कारीगर और कर्मचारियों के लिए पूरी तरह से निराशाजनक है. केसीआर, जो तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने कहा कि बजट में दिशा और मंशा की कमी है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री का भाषण खोखलेपन और शब्दों की जुगलबंदी से भरा था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने बजट के माध्यम से आम आदमी को निराशा और निराशा में डालते हुए खुद की प्रशंसा की है. टीआरएस नेता ने इसे 'गोलमाल बजट' बताते हुए कहा कि इसने तथ्यों को पेश नहीं किया. कृषि क्षेत्र के कल्याण के लिए केंद्र द्वारा बजट में किए गए उपाय शून्य हैं. उन्होंने बजट को किसानों और देश के कृषि क्षेत्र के लिए एक बड़ा शून्य करार दिया. मुख्यमंत्री ने कहा, "बजट में हैंडलूम क्षेत्र के लिए कुछ भी नहीं है. बजट ने कर्मचारियों और छोटे व्यापारियों के बीच कड़वाहट छोड़ी है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बजट में आयकर स्लैब में बदलाव नहीं किया गया." यह कहते हुए कि कर्मचारी और व्यापारिक समुदाय दोनों ही आयकर स्लैब में बदलाव की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे थे, उन्होंने कहा कि केंद्र ने उनकी सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया. यह भी पढ़ें : पीएलआई योजना से अगले पांच साल में 60 लाख रोजगार सृजन की संभावना: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

उन्होंने कहा, "बजट ने स्पष्ट रूप से दिखाया है कि केंद्र ने सार्वजनिक स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा क्षेत्रों की उपेक्षा की है. पूरी दुनिया में कोरोना महामारी के दौरान, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है, हमारी केंद्र सरकार ने उन तर्ज पर सोचा भी नहीं है जो दुर्भाग्यपूर्ण है." मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की पृष्ठभूमि में देश में चिकित्सा और स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया. आश्चर्य की बात है कि केंद्र को जन स्वास्थ्य की परवाह नहीं है.

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