BRS Leader Kavitha Hits Back At Kishan Reddy: किशन रेड्डी के टिकट बंटवारे पर उठाए सवालों पर भड़की बीआरएस नेता कविता

तेलंगाना विधान परिषद की सदस्य कविता ने विधेयक पारित करने में देरी पर सवाल उठाने वाले किशन रेड्डी पर पलटवार किया

K Kavitha, Kishan Reddy Photo Credits: Twitter

हैदराबाद, 22 जुलाई: तेलंगाना में आगामी विधानसभा चुनावों में केवल छह महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारने को लेकर भाजपा नेता और बीआरएस एमएलसी के. कविता के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया है केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने 119 विधानसभा सीटों पर केवल छह महिलाओं को टिकट देने के लिए भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) पर निशाना साधा था. यह भी पढ़े: Congress On BRS: कांग्रेस ने कहा, खम्मम में राहुल गांधी की सभा में बाधा डाल रहा है बीआरएस

बीआरएस ने 119 विधानसभा सीटों में से 115 के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी, जिसमें उन्‍होंने केवल छह महिलाओं को ही टिकट दिया संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी कविता के विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए उन्होंने पूछा कि बीआरएस महिलाओं के लिए आरक्षण क्यों लागू नहीं कर रहा है ?

राज्य भाजपा अध्यक्ष किशन रेड्डी ने ट्विटर पर लिखा कि बंगारू कुटुंबम परिवार के सदस्यों ने संसद में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग करते हुए जंतर-मंतर पर ड्रामा किया बंगारू कुटुंबम के गणित में 33 प्रतिशत आरक्षण में बीआरएस पार्टी ने महिलाओं को सिर्फ छह सीटें दी तेलंगाना विधान परिषद की सदस्य कविता ने विधेयक पारित करने में देरी पर सवाल उठाने वाले किशन रेड्डी पर पलटवार किया.

कविता ने ट्विटर कहा कि महिलाओं के अधिकारों के प्रति आपकी चिंता आश्चर्यजनक है, लेकिन राजनीति के अलावा यदि आप व्यक्तिगत रूप से ऐसा महसूस करते हैं तो यह स्वागत योग्य है आखि‍रकार भाजपा के किसी व्यक्ति ने लंबे समय से लंबित इस मांग को स्वीकार कर लिया है

उन्‍होंने कहा कि संसद में प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा कोई भी विधेयक पेश और पारित करा सकती है आपकी पार्टी ने महिला आरक्षण विधेयक के अपने दो बार के घोषणापत्र के वादे पर भी विचार करने से इनकार कर दिया है.

उन्‍होंने कहा कि बीआरएस पार्टी द्वारा टिकट वितरण की बात करते हुए हम आपकी हताशा और भ्रम को समझते हैं। आप हमारे उन उम्मीदवारों को अपने पाले में करने का इंतजार कर रहे थे, जिन्हें टिकट नहीं मिला। कृपया अपनी राजनीतिक असुरक्षाओं को महिला प्रतिनिधित्व से न जोड़ें.

उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री केसीआर खुद मानते हैं कि स्थानीय निकायों की तरह संवैधानिक अधिकार के बिना, जो अब 14 लाख महिलाओं को प्रतिनिधित्व करने का मौका देता है, राष्ट्रीय और विधानसभा स्तर पर यह संभव नहीं है.

उन्होंने कहा कि सीएम केसीआर ने संसद में सीटों की संख्या बढ़ाने और उनमें से एक तिहाई महिला नेताओं के लिए आरक्षित करने का एक फॉर्मूला प्रस्तावित किया है। बीआरएस पार्टी भाजपा की तरह जुमले नहीं बेचती है.

कविता ने महिला प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर किशन रेड्डी की राय भी जाननी चाही, बीआरएस नेता ने कहा कि वे देखना चाहती हैं कि जब टिकट वितरण की बात आती है तो भाजपा, कांग्रेस और अन्य दल तेलंगाना की महिलाओं के सामने क्‍या पेशकश रखते हैं.

कविता ने कहा कि एक ढांचागत खामी सभी राजनीतिक दलों की मंशा ही उजागर करेगी, जो देश के लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो कभी पूरी नहीं होती, खासकर वो पार्टी जो अपने प्रचंड बहुमत का दावा करती हैं। लेकिन, महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने के लिए कुछ नहीं करती.

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