नयी दिल्ली/लंदन, 6 जनवरी : ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से बात की और अपने देश में कोरोना वायरस (Corona virus) के नये स्वरूप (स्ट्रेन) के फैलने से पैदा हुए स्वास्थ्य संकट बढ़ने के कारण 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस समारोह पर भारत की अपनी निर्धारित यात्रा पर नहीं आ सकने के लिए खेद प्रकट किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी . अधिकारियों ने बताया कि जॉनसन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर अपना दौरा रद्द करने के लिए खेद प्रकट किया. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था.हालांकि, जॉनसन ने संकेत दिया है कि उनकी भारत यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन से पहले साल के पूर्वार्द्ध में होगी. ब्रिटेन की अध्यक्षता में यह सम्मेलन इस साल के अंत में प्रस्तावित है. नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से टेलीफोन पर बात हुई.
इसमें कहा गया है, ‘‘(ब्रिटेन के) प्रधानमंत्री जॉनसन ने गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के निमंत्रण के लिये धन्यवाद दिया, लेकिन कोविड-19 के कारण ब्रिटेन में उत्पन्न परिस्थिति के कारण (भारत) आने में असमर्थ रहने को लेकर खेद प्रकट किया.’’ प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया है कि उन्होंने (जॉनसन ने) निकट भविष्य में भारत आने की इच्छा प्रकट की. बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह ब्रिटेन में उत्पन्न स्थिति को समझते हैं. साथ ही, उन्होंने महामारी के प्रसार पर जल्द नियंत्रण कर लिए जाने की उम्मीद जताई. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर वह ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन के जल्द भारत आने के प्रति आशावादी हैं. इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने कोविड-19 का टीका सहित दोनों देशों के बीच जारी सहयोग की समीक्षा की और ब्रेक्जिट के बाद भारत-ब्रिटेन संबंधों की क्षमता को लेकर साझी समझ को रेखांकित करते हुए इस दिशा में काम करने पर भी सहमति व्यक्त की. यह भी पढ़ें : Republic Day 2021: ब्रिटेन के PM बोरिस जॉनसन ने रद्द की भारत यात्रा, रिपब्लिक डे पर थे चीफ गेस्ट
गौरतलब है कि जॉनसन ने एक दिन पहले टेलीविजन के माध्यम से ब्रिटेन को संबोधित करते हुए कहा था कि वायरस के नये स्वरूप (स्ट्रेन) से संक्रमण की दर अत्यधिक बढ़ने के कारण उनके मेडिकल प्रमुखों ने चेतावनी दी है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा खतरे का सामना कर रही है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री के कार्यालय सह आवास ‘10 डाउनिंग स्ट्रीट’ के प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री (जॉनसन) ने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भारत का दौरा नहीं पाने के लिए आज सुबह प्रधानमंत्री मोदी से बात की और खेद प्रकट किया. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बीती रात घोषित राष्ट्रीय लॉकडाउन के आलोक में और कोरोना वायरस के नये प्रकार के फैलने की गति के मद्देनजर प्रधानमंत्री (जॉनसन) ने कहा है कि उनके लिए यह जरूरी है कि वह ब्रिटेन में मौजूद रहें, ताकि वह वायरस से निपटने की रणनीति पर ध्यान दे सकें.’’
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंध के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और महामारी के खिलाफ प्रतिक्रिया सहित दोनों देशों के बीच करीबी सहयोग के जरिए इसे जारी रखने की भी बात कही.
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह 2021 की पहली छमाही में और ब्रिटेन के जी-7 शिखर सम्मेलन से पहले भारत की यात्रा पर जा सकेंगे, जिसमें (सम्मेलन में) प्रधानमंत्री मोदी एक अतिथि के तौर पर शरीक होने वाले हैं.’’ जॉनसन ने 26जनवरी (2021) पर गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर शरीक होने के लिए प्रधनमंत्री मोदी का न्योता पिछले महीने स्वीकार किया था. यह भी पढ़ें : Coronavirus Cases Update: भारत में एक दिन में COVID-19 के 18 हजार नए मामले दर्ज, 264 संक्रमितों की हुई मौत
उल्लेखनीय है कि केवल इंग्लैंड के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों की संख्या पिछले हफ्ते करीब एक तिहाई बढ़ कर लगभग 27,000 हो गई. बीते साल अप्रैल में कोविड-19 के मामले जब पहली बार चरम पर पहुंचे थे उसकी तुलना में यह 40 प्रतिशत अधिक है. पिछले साल 29 दिसंबर को ब्रिटेन में 80,000 हजार से ज्यादा लोगों की कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी. पिछले सप्ताह संक्रमण से मरने वालों की संख्या में भी 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उल्लेखनीय है कि पिछले महीने जॉनसन ने मोदी को पत्र लिखकर गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आने का निमंत्रण औपचारिक रूप से स्वीकार किया था . जॉनसन के 2019 में पदभार ग्रहण करने के बाद से यह पहली महत्वपूर्ण द्विपक्षीय यात्रा कार्यक्रम था.
जॉनसन ने कहा था, ‘‘ ...वर्ष के प्रारंभ में भारत की यात्रा पर जाने को लेकर मैं काफी उत्साहित हूं. हमारे द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति को लेकर आशान्वित हूं, जिसे हासिल करने का मैंने और प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प लिया है.’’
उन्होंने कहा था कि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण देश होने के नाते भारत, ब्रिटेन का अपरिहार्य सहयोगी है. उन्होंने कहा था, ‘‘ हम रोजगार, आर्थिक वृद्धि, सुरक्षा संबंधी साझा खतरों और हमारी पृथ्वी की सुरक्षा को लेकर काम कर रहे हैं.’’
नवंबर 2020 में नरेंद्र मोदी ने टेलीफोन पर जॉनसन को भारत की यात्रा पर आने का न्योता दिया था.
जॉनसन की भारत यात्रा और प्रधानमंत्री स्तर की वार्ता की तैयारियों को लेकर ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक रॉब भारत के दौरे पर आए थे.