Bombay HC की पति के हक में अहम टिपण्णी, कहा- बिना सबूत शख्स को शराबी और व्यभिचारी कहना क्रूरता

Bombay HC ने हाल ही में माना कि एक याचिकाकर्ता महिला ने अदालत में अपने पति के खिलाफ आरोपों को साबित किए बिना उसे "शराबी और महिलावादी" कहकर आरोप लगाया, जिसके परिणामस्वरूप "समाज में उसकी प्रतिष्ठा खराब हो गई" और यह क्रूरता है

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

Bombay HC ने हाल ही में माना कि एक याचिकाकर्ता महिला ने अदालत में अपने पति के खिलाफ आरोपों को साबित किए बिना उसे "शराबी और महिलावादी" कहकर आरोप लगाया, जिसके परिणामस्वरूप "समाज में उसकी प्रतिष्ठा खराब हो गई" और यह  क्रूरता है जो हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत, उसे तलाक का अधिकार देता है.

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