Mumbai Maratha Protest: बॉम्बे HC ने कहा- आंदोलनकारियों पर मनोज जरांगे पाटिल का भी नियंत्रण नहीं, ठाणे में ही रोका जाए
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Mumbai Maratha Protest: मराठा आरक्षण को लेकर मुंबई में आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है. सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन के चलते सोमवार, 1 सितंबर को सैकड़ों मराठा प्रदर्शनकारी CSMT, चर्चगेट और आज़ाद मैदान की ओर मार्च करते हुए सड़कों पर उतर आए. इससे लोकल ट्रेन सेवा, यातायात और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ. रेलवे स्टेशनों पर भी भारी भीड़ के कारण अफरा-तफरी का माहौल बन गया.

 बॉम्बे हाईकोर्ट की  मनोज जरांगे पर टिप्पड़ी

बढ़ती भीड़ और सार्वजनिक असुविधा को देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस दौरान सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि "आंदोलनकारियों पर मनोज जरांगे का भी कोई नियंत्रण नहीं है, इसलिए उन्हें ठाणे (Thane)  में ही रोका जाए." कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि आंदोलन सिर्फ आज़ाद मैदान तक सीमित रहना चाहिए और आयोजकों को निर्धारित नियमों का पालन करना अनिवार्य है. यह भी पढ़े: VIDEO: ट्रेन रोकने, ट्रैफिक बाधित करने और BSE में घुसने की कोशिश; मुंबई में Maratha Quota की मांग को लेकर तेज हुआ आंदोलन

 गृह राज्य मंत्री योगेश कदम की प्रतिक्रिया

इससे एक दिन पहले महाराष्ट्र सरकार के गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने बयान जारी कर कहा था कि सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए कानूनी और संवैधानिक तरीके से हरसंभव समर्थन देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार का हर कदम न्यायिक समीक्षा के दायरे में होगा और समुदाय के अधिकारों की रक्षा प्राथमिकता है.

 मनोज जरांगे पाटिल की मांगे

गौरतलब है कि मनोज जरांगे पाटिल ने शुक्रवार से भूख हड़ताल शुरू की है. उनकी मांग है कि मराठा समुदाय को ओबीसी कोटे से आरक्षण दिया जाए. लेकिन राज्य सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बावजूद अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है. जरांगे ने सरकार को चेतावनी दी है कि "मराठा समुदाय के धैर्य की परीक्षा न लें," और उनके समर्थन में हजारों लोग आज़ाद मैदान में जुटे हुए हैं, जिससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.