भाजपा का प्रधानमंत्री तय, इंडी गठबंधन बताए अपना नेता: शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्षी दलों के गठबंधन के बगैर चेहरे के चुनाव लड़ने पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तय हैं, इंडी गठबंधन बताए कि उनका नेता कौन है.

Credit- ( ANI,Twitter X )

ग्वालियर, 28 अप्रैल : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्षी दलों के गठबंधन के बगैर चेहरे के चुनाव लड़ने पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तय हैं, इंडी गठबंधन बताए कि उनका नेता कौन है. ग्वालियर संसदीय क्षेत्र के बेरजा में आयोजित जनसभा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश का प्रधानमंत्री कौन बने, एक तरफ भाजपा है, जिसके प्रधानमंत्री तय हैं नरेंद्र मोदी. इंडी गठबंधन बताए, उनका प्रधानमंत्री कौन होगा? सुनने में आया है कि ये लोग एक-एक साल के लिए पीएम बनाएंगे.

उन्होंने कहा, ''हमारे प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' भी पारित हो गया है. अब मंच पर भी बहनें बैठी दिखाई देंगी.'' उन्होंने अपने शासनकाल में शुरू की गई योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा, ''बेटा-बेटी में भेद क्यों, एक ही मां की कोख से जन्म लेने के बाद बेटे और बेटी में भेद होता था. मैंने तय किया था कि बेटी को बोझ नहीं वरदान बनाऊंगा. आज 50 लाख लाडली लक्ष्मी मध्य प्रदेश में हैं. बेटी की शादी बोझ न रहे इसलिए कन्या विवाह योजना बनाई. मजदूर वर्ग की महिलाओं को बच्चे के जन्म के बाद आराम मिले, इसके लिए संबल योजना बनाई, जिससे गरीब गर्भवती बहनों को 16 हजार रुपए की मदद दी जाती है.'' यह भी पढ़ें : स्मृति ईरानी ने किया रामलला का दर्शन, बोलीं-‘धर्म व धैर्य की धरा पर आना पुण्य का फल’

उन्होंने आगे बताया कि बहनों को सम्मान मिले, इसके लिए लाडली बहना योजना बनाई, घर में उनकी इज्जत पहले से ज्यादा बढ़ गई. अगला कदम होगा लाडली बहना को लखपति बहन बनाना. किसानों को सम्मान निधि दी जा रही है.

उन्होंने कांग्रेस की स्थिति पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस में बचा क्या है? न दिल्ली में, न भोपाल में सरकार है. यह सब उलटे फैसलों के कारण हुआ है. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई, आनंद का उत्सव था, लेकिन, कांग्रेस पार्टी रो रही थी. कांग्रेस की खोपड़ी पर मंथरा बैठ गई. विनाशकाले विपरीत बुद्धि हो गई. ये लोग निमंत्रण के बाद भी नहीं गए. कांग्रेस का मुहूर्त बिगड़ गया. जब तक धरती रहेगी, तब तक लिखा रहेगा कि कांग्रेस के लोग राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में नहीं गए.

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