मुंबई: चुनाव के करीब आते ही एक बार फिर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मुद्दा गरमा गया है. सभी सियासी दल इसे वोट के तौर पर भुनाने के हरसंभव प्रयास में जुट गई है. खबरों के मुताबिक यह मुद्दा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रतिनिधिमंडल की तीन दिवसीय बैठक में भी गूंजा. 31 अक्टूबर से शुरू हुई बैठक में देश भर से संघ के लगभग 350 पदाधिकारी शामिल हुए हैं. वहीं कार्यक्रम के अंतिम दिन से पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से आधी रात में मुलाकात की है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमित शाह ने गुरुवार को रात करीब दो बजे मुंबई के रामभाऊ महालगी प्रबोधनी में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की. ऐसा माना जा रहा है कि इस दौरान संघ प्रमुख और शाह के बीच राम मंदिर को लेकर भी चर्चा हुई है. दरअसल आरएसएस ने बुधवार को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के शीर्घ निर्माण के लिए मोदी सरकार से अध्यादेश लाने या कानून बनाने की मांग की थी. इस वजह से मोहन भागवत और शाह का मिलना बहुत अहमियत रखता है.
आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने कहा था कि राम मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय गौरव का विषय है और अभी तक अयोध्या विवाद का हल अदालतों में नहीं निकला है. वैद्य ने कहा कि यह मुद्दा राष्ट्रीय और सामाजिक महत्व से संबंधित है, जिस पर सम्मेलन के दौरान विचार-विमर्श किया जाना चाहिए.
मुंबई के केशव सृष्टि परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक आरम्भ हुई। बैठक का आरम्भ सरसंघचालक डॉ. मोहनजी भागवत और सरकार्यवाह श्री सुरेशजी जोशी ने छत्रपति शिवाजी महाराज तथा भारत माता के चित्र को पुष्पांजली अर्पित करके किया। pic.twitter.com/ZAek1Ns3Xh
— RSS (@RSSorg) October 31, 2018
इससे पहले नागपुर में 18 अक्टूबर को अपनी वार्षिक दशहरा रैली में मोहन भागवत ने मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग पहली बार उठाई थी. यह भी पढ़े- उद्धव ठाकरे ने साधा बीजेपी पर निशाना, कहा- अयोध्या में राम मंदिर के लिए नहीं बल्कि सत्ता की सीढ़ी चढ़ने के लिए इकट्ठा की गई थीं ईंटें
वहीं बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा आगामी शीतकालीन सत्र में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए एक निजी विधेयक पेश करेंगे. साथ ही उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत अन्य विपक्षी नेता इसका समर्थन करेंगे.
एक के बाद एक ट्वीट कर राज्यसभा सदस्य सिन्हा ने पूछा कि क्या समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, बीएसपी प्रमुख मायावती, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी और टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू जैसे नेता उनके विधेयक को समर्थन देंगे जो बीजेपी और आरएसएस से हमेशा राम मंदिर के बारे में पूछते रहते हैं.
सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘‘ जो लोग बीजेपी, आरएसएस को उलाहना देते रहते हैं कि राम मंदिर की तारीख़ बताए. उनसे सीधा सवाल क्या वे मेरे निजी विधेयक का समर्थन करेंगे ? समय आ गया है दूध का दूध पानी का पानी करने का.’’