बेंगलुरु, 22 फरवरी : भाजपा ने सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार से कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक, 2024 में अन्य धर्मों के व्यक्तियों को मंदिर प्रबंधन का सदस्य बनने की अनुमति देने वाले प्रावधान को वापस लेने का आग्रह किया है.
नया बिल बुधवार को कर्नाटक विधानसभा में पेश किया गया और सहमति हासिल की गई. बीजेपी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर कहा कि नए बिल के मुताबिक, दूसरे धर्म के व्यक्ति भी किसी मंदिर के प्रबंधन का हिस्सा बन सकते हैं. भाजपा ने कहा, यह मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का दूसरे धर्मों के लोगों की मदद से मंदिरों के खजाने को उसी तरह खाली करने का दुर्भावनापूर्ण इरादा है, जैसे उन्होंने राज्य के खजाने को खाली कर दिया है. यह भी पढ़ें : PM Modi in Ahmedabad: पीएम मोदी ने गुजरात मिल्क फेडरेशन के गोल्डन जुबली समारोह में लिया हिस्सा, कहा- 50 साल पहले लगाया पौधा अब वटवृक्ष बन गया- VIDEO
पार्टी ने कहा," सीएम सिद्धारमैया, आप हिंदू देवताओं को नहीं चाहते. लेकिन, मौज-मस्ती और तुष्टिकरण की गंदी राजनीति के लिए आपको हिंदू मंदिरों के पैसे की सख्त जरूरत है. वे दिन निकट हैं, जब हिंदू आपको उचित सबक सिखाएंगे." "उस आदेश को वापस लें जो अन्य धर्मों के व्यक्तियों को सदस्य बनने में सक्षम बनाता है. हिंदू धर्म ने गोरी और गजनी को भी नहीं बख्शा था. आप कुछ भी नहीं हैं."
"कांग्रेस और सीएम सिद्धारमैया वही कर रहे हैं जो पहले गजनी, गोरी, औरंगजेब और टीपू ने किया था. तुष्टिकरण की राजनीति और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए कर्नाटक को लूटने के बाद, कर्नाटक कांग्रेस पार्टी की बुरी नजर हिंदू मंदिरों पर है." बीजेपी ने कहा कि आदेश जारी किया गया है कि एक करोड़ से कम आय वाले मंदिरों की आय का पांच प्रतिशत और एक करोड़ रुपये से अधिक आय वाले मंदिरों की आय का 10 प्रतिशत हिस्सा सरकार को सौंपना होगा. हालांकि, कांग्रेस सरकार ने कहा है कि इस पैसे का इस्तेमाल पुजारियों और मंदिर के कर्मचारियों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया जाएगा.