रांची, 31 अगस्त : घरेलू मेड का थर्ड डिग्री टॉर्चर करने के मामले में झारखंड के रिटायर्ड आईएएस की पत्नी और भाजपा नेता सीमा पात्रा को पुलिस ने आखिरकार बुधवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया. पुलिस पिछले दो दिनों से उनके मोबाइल लोकेशन के आधार पर ट्रेस कर रही थी. हटिया के डीएसपी राजा मित्रा के नेतृत्व में महिला पुलिसकर्मियों की टीम ने उन्हें गिरफ्तार किया. गौरतलब है कि सीमा पात्रा भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की सदस्य हैं, जिन्हें यह मामला सामने आने के बाद पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है. सीमा पात्रा अपने घर में काम करने वाली आदिवासी युवती सुनीता को वर्षों से बेहद अमानवीय तरीके से प्रताड़ित कर रही थीं. झारखंड के कार्मिक विभाग के एक अफसर की सूचना पर पुलिस ने कमरे में बंद करके रखी गयी सुनीता को बीते 22 अगस्त को ही मुक्त कराया था, लेकिन सीमा पात्रा को तब गिरफ्तार नहीं किया गया था. मीडिया में खबरें और सुनीता की प्रताड़ना का वीडियो चलने के बाद पुलिस पर दबाव बढ़ा. मंगलवार को राज्यपाल रमेश बैस ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए राज्य के डीजीपी से पूछा था कि इस मामले में आरोपी पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
सुनीता का अभी रांची रिम्स में इलाज चल रहा है. उसके शरीर पर दर्जनों जख्म हैं. उसे गरम तवे से जगह-जगह दागा गया है. लोहे के रॉड से उसके आगे के तीन-चार दांत तोड़ दिये गये. कमरे में बंद करके रखी गई सुनीता का खाना-पानी तक बंद कर दिया गया था. वह खुद से खड़ी तक नहीं हो पा रही. उसकी जुबां से ठीक से आवाज नहीं निकल रही. सुनीता गुमला के एक गांव की रहनेवाली है. करीब दस साल पहले वह रिटायर्ड आईएएस महेश्वर पात्रा और भाजपा नेत्री सीमा पात्रा के घर मेड के तौर पर काम करने के लिए लाई गई थी. बाद में वह दिल्ली में रहनेवाली उनकी पुत्री वत्सला पात्रा के साथ भेज दी गई. दिल्ली से उनके तबादले के बाद सुनीता वापस रांची सीमा पात्रा के घर आई. यह भी पढ़ें : दुमका में परीक्षा में फेल छात्रों ने शिक्षक और कर्मियों को बांधकर पीटा, कोडरमा के स्कूल में लहराई रिवाल्वर
यहां काम करते हुए उसे हमेशा प्रताड़ित किया जाता रहा. उसने घर जाने की इजाजत मांगी तो पिटाई करते हुए उसे कमरे में बंद कर दिया गया. बात-बात पर पिटाई आम हो गई. दर्जनों बार उसे गरम तवे से दागा गया. जिस कमरे में सुनीता को बंद किया गया, वही उसका बेडरूम और बाथरूम था. लगातार पिटाई से वह इस तरह अशक्त हो गयी थी कि फर्श पर घिसट-घिसट कर चलती थी. अगर गलती से सुनीता का पेशाब कमरे से बाहर चला जाता तो उसे अपने मुंह से उसे चाट कर साफ करना पड़ता था. घिसट-घिसट कर किसी तरह उसे यह भी करने को मजबूर किया गया.