Amit Shah On Uniform Civil Code: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, बीजेपी समान नागरिक संहिता लाने को प्रतिबद्ध, लेकिन सभी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के पालन के बाद
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

नयी दिल्ली, 24 नवंबर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सभी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के पालन और चर्चाओं के बाद देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने को प्रतिबद्ध है.

उन्होंने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनावों के साथ-साथ एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) चुनाव में भी भाजपा की जीत का भरोसा जताया.

गृह मंत्री ने देश की राजनीति को जातिवाद, वंशवाद और तुष्टीकरण के ‘‘नासूर’’ से मुक्त करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया. यह भी पढ़ें: बहन को जामा मस्जिद में नहीं घुसने दिया गया, युवक ने लगाया आरोप

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी ने देश की राजनीति को जातिवाद, वंशवाद और तुष्टीकरण से मुक्त कर प्रदर्शन की राजनीति शुरू की है. जो प्रदर्शन करेगा वही देश पर शासन करेगा. जो प्रयास करेगा, वह देश पर शासन करेगा। जो देश समर्थक हैं वे (इस पर) शासन करेंगे.’’

शाह ने कहा, ‘‘कोई भी व्यक्ति अपने जन्म स्थान या अपनी जाति के आधार पर या कोई कितना तुष्टीकरण करता है, इस आधार पर शासन नहीं करेगा.’’ उन्होंने कहा कि देश के लोगों ने मोदी सरकार की इस नीति को स्वीकार किया है.

यूसीसी के बारे में शाह ने कहा कि यह भारतीय जनसंघ के दिनों से ही भाजपा द्वारा देश के लोगों से किया गया एक वादा रहा है.

टाइम्स नाउ सम्मेलन में गृह मंत्री ने कहा, ‘‘न सिर्फ भाजपा ने, बल्कि संविधान सभा ने भी संसद और राज्यों को उचित समय आने पर यूसीसी लागू करने की सलाह दी थी, क्योंकि किसी भी धर्मनिरपेक्ष देश में कानून, धर्म के आधार पर नहीं होने चाहिए। यदि राष्ट्र और राज्य धर्मनिरपेक्ष हैं तो कानून धर्म पर आधारित कैसे हो सकते हैं? हर धर्म के व्यक्ति के लिए संसद या राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित एक ही कानून होना चाहिए.’’

उन्होंने कहा कि हालांकि समय बीतने के साथ संविधान सभा की इस प्रतिबद्धता को भुला दिया गया.

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को छोड़कर कोई भी दल समान नागरिक संहिता के पक्ष में नहीं है। वे यहां तक कि इस पर बोलते भी नहीं हैं. अगर उनमें हिम्मत नहीं है, तो वे इसका विरोध भी न करें. लेकिन वे ऐसा नहीं कहेंगे, ठीक है आप इसे लागू करें हम आपके साथ हैं। हम एक लोकतंत्र का हिस्सा हैं. लोकतंत्र में स्वस्थ बहस जरूरी है। इस मुद्दे पर खुली और स्वस्थ बहस की जरूरत है.’’

गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा शासित तीन राज्यों-हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात में सर्वोच्च अदालत तथा उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जिसके सामने अलग-अलग धर्मों के लोग इस मुद्दे को लेकर अपनी राय जाहिर कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस प्रक्रिया में मिलने वाले सुझावों के आधार पर कार्रवाई करेंगे। सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं के पूरा होने के बाद भाजपा यूसीसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है.’’

यह पूछे जाने पर कि क्या जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने का फैसला उनके कार्यकाल का सबसे सफल फैसला था, शाह ने कहा कि कोई भी सफलता उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं है, क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट के एक मंत्री हैं और हर सफलता पूरी सरकार की सफलता है.

उन्होंने कहा, ‘‘वर्षों से यह दुष्प्रचार फैलाया जा रहा था कि जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद 370 की वजह से भारत का हिस्सा है। अब न तो अनुच्छेद 370 है और न ही 35ए, फिर भी जम्मू-कश्मीर भारत के साथ है.’’ यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पूर्व डिप्टी पायलट पर तंज- 'गद्दार' को सीएम नहीं बनाया जा सकता

गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक नयी लोकतांत्रिक पीढ़ी तैयार हो रही है, जहां 30,000 से अधिक पंच और सरपंच लोकतंत्र को जमीनी स्तर तक पहुंचा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर में 56 हजार करोड़ रुपये का निवेश आया है और 80 लाख पर्यटक पहुंचे हैं, जो आजादी के बाद से सर्वाधिक है.

शाह ने कहा, "जहां तक ​​आतंकवाद का सवाल है, 1990 के दशक में इसकी शुरुआत के बाद से, आतंकवाद की सबसे कम घटनाएं हुई हैं. पत्थरबाजी पूरी तरह से बंद हो गई है। यह शून्य है। यह एक बहुत बड़ी सफलता है."

गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और इसे पनाह देने वालों की जड़ें बहुत गहरी हैं लेकिन सरकार इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा, "मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जम्मू-कश्मीर में हम आतंकवाद को जड़ें नहीं फैलाने देंगे और हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि पूरा जम्मू-कश्मीर आतंकवाद मुक्त हो."

इससे पहले, सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में दिए संबोधन में शाह ने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को दुनिया के सामने रखा जाए.

उन्होंने कहा कि भारत 2025 तक पांच ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। शाह ने कहा कि 2014 में देश में चार यूनिकॉर्न स्टार्टअप थे जिनकी संख्या अब बढ़कर सौ के पार चली गई है.

चुनाव से पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग से जुड़े सवाल पर शाह ने कहा कि संघीय निकाय स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं और जिस किसी को शिकायत है, वह अदालत का रुख कर सकता है.

जेल में बंद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन के विशेष सुविधाएं हासिल करने से जुड़े कथित वीडियो के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि उक्त वीडियो सही है या नहीं, यह अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी के लिए जांच का विषय होना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘‘यदि वीडियो सही है, तो जवाबदेही उनकी पार्टी की बनती है और आप मुझसे सवाल पूछ रहे हैं? मैं भी जेल गया था और तब मैंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. जेल में बंद होने के बाद भी मंत्री पद पर बने रहने की ऐसी बेशर्मी अभूतपूर्व है.’’

ऐसे मामलों में केंद्र को किसी मंत्री को हटाने की अनुमति देने वाले प्रावधानों के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने भी शायद ऐसी चीजें होने की कल्पना नहीं की थी, इसलिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया.

श्रद्धा वालकर हत्याकांड पर गृह मंत्री ने कहा कि दिल्ली पुलिस और अभियोजन पक्ष यह सुनिश्चित करेंगे कि 27 वर्षीय कॉल सेंटर कर्मी को जिसने भी मारा है, उसे कम से कम समय में कठोर से कठोर सजा मिले.

धर्मांतरण रोधी कानूनों की आवश्यकता के सवाल पर शाह ने कहा कि जहां भी भाजपा शासित राज्य सरकारें हैं, ऐसे कानून बनाए गए हैं.

गुजरात के आगामी विधानसभा चुनाव से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला है.

शाह ने कहा, ‘‘गुजरात में हम सीट और वोट प्रतिशत के मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ देंगे.’

गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा एमसीडी चुनाव के साथ ही गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भारी अंतर से चुनाव जीतेगी.

लद्दाख में सीमा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि चीन के साथ हमारा सीमा विवाद वर्षों पुराना है और यह पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की विरासत है.

शाह ने कहा, "सवाल कौन उठा रहा है? चीन के नियंत्रण में एक लाख एकड़ जमीन जिनके शासन में गई, क्या वे इसे उठा रहे हैं? उन्हें इतिहास पढ़ना चाहिए. जहां तक ​​नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का सवाल है, हम प्रतिबद्ध हैं कि यह एक संप्रभु देश है. इसकी एक इंच जमीन भी विदेशी कब्जे में नहीं जाएगी. यह देश की जनता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है.’’

विनायक दामोदर सावरकर विवाद पर शाह ने कहा कि न केवल भाजपा, बल्कि पूरा देश सावरकर को 'वीर सावरकर' मानता है.

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)