
छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में घरेलू बिल्लियों में बर्ड फ्लू (H5N1) का पहला मामला सामने आया है. छिंदवाड़ा में तीन बिल्लियों की मौत के बाद जांच करने पर बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं. जिससे वैज्ञानिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंतित हैं. बर्ड फ्लू को आमतौर पर पक्षियों से जुड़ा वायरस माना जाता है, लेकिन हाल ही में इसकी म्युटेशन क्षमता इसे स्तनधारी जीवों में फैलने की क्षमता दे रही है, जिससे यह भविष्य में मानव संक्रमण का खतरा भी पैदा कर सकता है.
जनवरी 2024 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR-NIHSAD) और केंद्र सरकार के पशुपालन विभाग ने छिंदवाड़ा जिले में इस वायरस की पुष्टि की. रिपोर्ट के अनुसार, तीन बिल्लियों की मौत के बाद उनके सैंपल्स की जांच की गई, जिसमें H5N1 वायरस का संक्रमण पाया गया. इन बिल्लियों में तेज बुखार, भूख न लगना और अत्यधिक सुस्ती जैसे लक्षण देखे गए थे, और संक्रमण की पुष्टि के बाद 1 से 3 दिनों के भीतर उनकी मौत हो गई.
क्या यह इंसानों के लिए खतरनाक हो सकता है?
H5N1 वायरस पहले भी दुनिया भर में पोल्ट्री फार्म्स और जंगली पक्षियों में फैलने की वजह से चिंता का विषय रहा है. वैज्ञानिकों के अनुसार, "यह वायरस मुख्य रूप से पक्षियों में पाया जाता है, लेकिन कुछ म्युटेशन इसे स्तनधारी जीवों में फैलने की क्षमता प्रदान कर सकते हैं. इससे महामारी फैलने का खतरा बढ़ सकता है, जैसा कि हमने कोविड-19 के दौरान देखा था."
सरकार की कड़ी सख्ती
छिंदवाड़ा में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि होने के बाद कलेक्टर शैलेंद्र सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत सख्त प्रतिबंध लागू किए हैं. इसके तहत संक्रमित पोल्ट्री फॉर्म के एक किलोमीटर के दायरे को संक्रमित क्षेत्र घोषित किया गया है, जहां सभी चिकन शॉप और पोल्ट्री फार्म पूरी तरह से बंद रहेंगे. इसके अलावा 10 किलोमीटर के दायरे को निगरानी क्षेत्र भी घोषित किया गया है.
सभी चिकन शॉप, पोल्ट्री फार्म और अंडे की दुकानों को रोजाना सैनिटाइज और कीटाणुरहित किया जाएगा. प्रभावित क्षेत्र में सभी संक्रमित मुर्गियों और उनके उत्पादों को नष्ट किया जा रहा है. संक्रमित क्षेत्र में चिकन और पोल्ट्री प्रोडक्ट्स की बिक्री व ट्रांसपोर्टेशन पर एक महीने का प्रतिबंध लगा दिया गया है.
क्या इंसानों को चिंता करनी चाहिए?
वर्तमान में, प्रशासन ने कुछ लोगों के सैंपल्स भी जांच के लिए भेजे थे, लेकिन सभी रिपोर्ट निगेटिव आई हैं. हालांकि, वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगर वायरस में आगे म्युटेशन होता है, तो यह इंसानों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. इसलिए, इस संक्रमण की रोकथाम और संक्रमित क्षेत्रों में सख्त निगरानी बनाए रखना जरूरी है.
यह पहली बार है जब भारत में घरेलू बिल्लियों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं. प्रशासन और वैज्ञानिक मिलकर इस वायरस की मॉनिटरिंग कर रहे हैं ताकि यह इंसानों तक न पहुंचे. फिलहाल, इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पोल्ट्री फार्म्स, पालतू जानवरों और जंगली पक्षियों पर सख्त निगरानी रखना जरूरी हो गया है.