Gautam Adani's Net Worth: अरबपति उद्योगपति (Billionaire industrialist) गौतम अडानी (Gautam Adani) अब एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति (Asia’s Second Richest Person) नहीं हैं. दरअसल, इस सप्ताह उनकी कुल संपत्ति में भारी गिरावट आई है. दुनिया के सबसे अमीर अरबपतियों की संपत्ति को ट्रैक करने वाले वैश्विक सूचकांकों के अनुसार, अडानी की कुल संपत्ति इस सप्ताह की शुरुआत में 77 अरब डॉलर से गिरकर 63 अरब डॉलर हो गई है. केवल चार दिनों में 58 वर्षीय उद्योगपति की कुल संपत्ति से लगभग $14 बिलियन का नुकसान हुआ है. एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति के पायदान से फिसलने के बाद चीनी अरबपति झोंग शानशान (Zhong Shanshan) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष (Reliance Industries Chairman) मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के बाद एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति के तौर पर अपना स्थान फिर से प्राप्त कर लिया है.
आपको बता दें कि साल 2020 में अपने पोर्ट-टू-पावर व्यवसायों का विस्तार होने के कारण अडानी की कुल संपत्ति में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई, जिससे उनके बाजार पूंजीकरण को बढ़ावा मिला. अप्रैल में अडानी ग्रुप 100 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण को पार करने वाला देश का तीसरा सबसे बड़ा ग्रुप बन गया. यह भी पढ़ें: अडाणी ग्रीन एनर्जी की इकाई ने गुजरात में 150 MW क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजना चालू की
हालांकि उनकी सभी सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण को सोमवार को उस समय तगड़ा झटका लगा, जब एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (National Securities Depository Limited) यानी एनएसडीएल (NSDL) ने ग्रुप की चार सूचीबद्ध फर्मों में प्रमुख हिस्सेदारी रखने वाले तीन FPI खातों को सील कर दिया.
रिपोर्ट के तुरंत बाद अडानी इंटरप्राइजेज और अडानी ग्रीन के शेयरों में गिरावट आई और अन्य सूचीबद्ध फर्मों ने 5 फीसदी के निचले सर्किट में प्रवेश किया. फिर अडानी इंटरप्राइजेज ने एक स्ट्रॉन्ग स्टेटमेंट जारी किया, जिसमें एनएसडीएल के विदेशी फंड को फ्रीज करने के दावों को खारिज कर दिया. एनएसडीएल भी अगले दिन एक बयान के साथ सामने आया, लेकिन समूह की सूचीबद्ध फर्मों के शेयरों में कमजोर कारोबार जारी रहा. यह भी पढ़ें: कमाई के मामले में गौतम अडानी ने एलोन मस्क और जेफ बेजोस को भी छोड़ा पीछे, इतनी बढ़ी संपत्ति
एफपीआई (FPI) फ्रीज पर आधिकारिक स्पष्टीकरण के बावजूद सभी सूचीबद्ध फर्मों के शेयर लगातार चार सेशन से कमजोर कारोबार कर रहे हैं. विश्लेषकों का कहना है कि अडानी के शेयरों में उच्च अस्थिरता के पीछे का कारण उच्च बिकवाली हो सकती है, जो इस समय बाजार में देखी जा रही है. उन्होंने निवेशकों को अडानी समूह की फर्मों में नए या मौजूदा निवेश के बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले सतर्कता बरतने और धैर्य रखने की सलाह दी है.