नई दिल्ली, 24 मार्च : केंद्र ने बुधवार को लोकसभा (Lok Sabha) में एक विधेयक पेश किया, जिसमें 'प्रमुख हवाई अड्डे' की परिभाषा में संशोधन करने का प्रावधान है, ताकि हवाई अड्डों के एक समूह के लिए शुल्क का निर्धारण करने और छोटे हवाई अड्डों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए इसका दायरा बढ़ाया जा सके. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Union Minister Hardeep Singh Puri) ने भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया, जिसमें 'प्रमुख हवाई अड्डे' की परिभाषा में संशोधन करने का प्रस्ताव है. यह भी पढ़े: Assemby Elections 2021: ट्विटर ने भारत में विधानसभा चुनाव की सुरक्षा के उपायों की घोषणा की, जानें क्या है खास
भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर एयरोनॉटिकल चार्ज का निर्धारण कर रहा है वर्तमान अधिनियम के तहत, 'प्रमुख हवाई अड्डे' के रूप में उन हवाई अड्डों को परिभाषित किया गया है, जिसके पास 35 लाख से अधिक वार्षिक यात्री हैं.
हालांकि, यह हवाई अड्डों के एक समूह के लिए टैरिफ के निर्धारण का अधिकार प्रदान नहीं करता है।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड के माध्यम से अधिक से अधिक हवाई अड्डों को विकसित करने से अपेक्षाकृत दूरदराज के क्षेत्रों में हवाई संपर्क का विस्तार होगा।
इसलिए, सरकार ने लाभदायक या गैर-लाभकारी हवाई अड्डों वाले को क्लब या पेयर करने का फैसला किया है, जिन्हें सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोड में संभावित बोलीदाताओं के पैकेज के रूप में पेश किया जा सकता है।