Bihar Politics: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास और राजद कार्यालय के सामने लगा एक पोस्टर शनिवार को चर्चा में है। यह पोस्टर भले ही राजद कार्यालय के बाहर लगाया गया हो, लेकिन इसके द्वारा नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनवाने की बेचैनी भी झलक रही है. पोस्टर के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर निशाना साधा गया है. इस पोस्टर के जरिए भाजपा और नरेंद्र मोदी पर जोरदार निशाना साधा गया है. पोस्टर में यह दर्शाया गया है कि जैसे राम ने रावण को मारा और कृष्ण ने कंस को मारा वैसे ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारेंगे.
महिला राजद की प्रदेश महासचिव पूनम राय के द्वारा जारी इस पोस्टर को तीन हिस्सों में बांटा गया है. इस पोस्टर एक भाग में रामायण और दूसरे भाग में महाभारत के दो प्रसंगों को दिखाते हुए तीसरे भाग में वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को दिखलाया गया है, जिसमे नीतीश कुमार को नरेंद्र मोदी को तीर मारते हुए दिखाया गया है। इसमें लिखा गया है कि पटना, रांची, दिल्ली, मुंबई, कोलकत्ता, हैदराबाद! देश के बाकी हिस्सों में भी डालेंगे सुसाशन की खाद.
ये राजशाही के युद्ध का दौर नहीं है। लोकतंत्र में वोट की चोट का दौर है।
राम-रावण, कृष्ण-कंस तो ठीक है। लेकिन नीतीश-नमो की जगह नमो-नीतीश भी लिखा जा सकता है।
लेकिन मरे हुए को क्या मारना!
वैसे तेज(प्रताप)-तेज(स्वी) की तुकबंदी के बारे में क्या ख्याल है राजद के पोस्टर वाले बेवकूफों! pic.twitter.com/c4HbBlq3R3
— Nikhil Anand (@NikhilAnandBJP) January 14, 2023
पोस्टर में कहा गया है कि 2024 में दिल्ली (हस्तिनापुर) की चढ़ाई होगी। इस पोस्टर में नीतीश कुमार के साथ लालू यादव, तेजस्वी यादव, राहुल गांधी, अखिलेश यादव और शरद पवार समेत तमाम विपक्षी नेताओं को दिखाया गया है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी के साथ गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को दिखाया गया है.
पोस्टर में यह भी लिखा है कि संदेश और आग्रह यह है कि जब किसी खास अक्षर या राशि से शुरू होने वाले नाम वाला व्यक्ति अत्यधिक शक्तिशाली हो जाता है और दंभी, अहंकारी, तानाशाह होकर अपने शक्तियों का दुरुपयोग करने लगता है, जिससे जन मानस में हाहाकार और त्राहिमाम मच जाता है, तब उसको उसी अक्षर या राशि से शुरू होने वाले नाम वाले व्यक्ति से हराया या पराजित किया जा सकता है। इसलिए 2024 में नरेंद्र मोदी के मुकाबले नीतीश कुमार 'न' अक्षर विजयी भव.
इधर, भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि ये राजशाही के युद्ध का दौर नहीं है। लोकतंत्र में वोट की चोट का दौर है। राम-रावण, कृष्ण-कंस तो ठीक है. लेकिन नीतीश-नमो की जगह नमो-नीतीश भी लिखा जा सकता है, लेकिन मरे हुए को क्या मारना.