पटना, 15 अप्रैल: बिहार में शनिवार से जातीय जनगणना के दूसरे चरण की शुरुआत हो गई. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी शुरुआत अपने पैतृक आवास बख्तियारपुर से की. मुख्यमंत्री ने अपने पुश्तैनी घर जाकर एक सामान्य नागरिक की तरह बिहार जाति आधारित गणना- 2023 में भाग लिया और गणना कार्य के दौरान इससे संबंधित सभी आंकड़े दर्ज करवाए. इसके बाद उन्होंने कहा कि इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी। पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार जाति आधारित गणना - 2023 के दूसरे चरण का गणना कार्य 15 अप्रैल से 15 मई 2023 तक चलेगा. यह भी पढ़ें: Bihar: पुलिस के अनुसार बिहार में नकली शराब पीने से 6 की मौत, गांव वालों ने कहा 22 मरे
उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना से लोगों की जाति के साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति के बारे मे जानकारी मिलेगी. चाहे वो किसी भी जाति का हो, सभी लोगों की आर्थिक स्थिति की जानकारी मिलेगी. सभी चीजों की जानकारी मिलने से राज्य के विकास के लिए आगे और काम करेंगे. जाति आधारित गणना की रिपोर्ट पब्लिश किए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा जाति आधारित गणना पूरी होने के बाद इसकी रिपोर्ट पब्लिश की जाएगी. एक-एक चीज की जानकारी मिलने से लोगों की क्या स्थिति है, उन सब चीजों की जानकारी लेकर इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी जाएगी.
उन्होंने कहा, "जनगणना कराना केंद्र सरकार का अधिकार है, हमलोग जाति आधारित गणना करवा रहे हैं. लोगों की गिनती कर उनके संबंध में जानकारी लेकर राज्य के विकास और लोगों की सुविधा के लिए काम होगा." मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले हर 10 साल पर जनगणना का काम होता था, लेकिन कई साल गुजर जाने के बाद भी अभी जनगणना नहीं शुरू हुई है. यह आश्चर्य की बात है.
उन्होंने कहा कि बिहार में अच्छे ढंग से जाति आधारित गणना होगी तो इसे देखकर दूसरे राज्य भी ऐसा करने की कोशिश करेंगे. जाति आधारित गणना का असर आरक्षण के दायरे पर पड़ने को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वो सब बाद की चीज है. एक बार जब जाति आधारित गणना का काम पूरा हो जाएगा तो इस सब चीजों के बार में जो कुछ भी करना होगा वो किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जाति आधारित गणना का काम पूरा होने के बाद इसकी रिपोर्ट विधानसभा और विधान परिषद में पेश की जाएगी. इसके बाद इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी.