राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को लोकसभा में पेश केंद्रीय बजट को लोगों को गुमराह करने वाला जुमला करार दिया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट पूर्णत: युवा विरोधी एवं किसानों को गुमराह करने वाला चुनावी भाषण है.
उन्होंने कहा कि बजट में गरीब बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की कोई कोशिश नहीं की गई है, तथा इसमें न तो रोजगार सृजन के उपायों का कोई प्रस्ताव है और न किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने हेतु कृषि उत्पादन पर आधारित उद्योगों की स्थापना का कोई प्रावधान है. कुशवाहा ने कहा कि बजट में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक, शोषित, वंचित एवं गरीब लोगों के लिए कुछ भी नहीं कहा गया है.
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इधर, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी बजट को निराशाजनक करार दिया है. उन्होंने इस बजट भाषण को चुनावी भाषण बताते हुए कहा कि इसमें जितने भी प्रस्ताव दिए गए हैं, वह चुनावी जुमला है. उन्होंने आयकर में पांच लाख रुपये तक की छूट को कम बताते हुए कहा कि इसे आठ लाख रुपये तक किया जाना चाहिए था. मांझी ने किसानों के लिए छह हजार रुपये पेंशन योजना को भी जुमला करार दिया.