2019 में भी बिहार की सियासत में रहेगी हलचल, NDA के बाद अब महागठबंधन में होगा सिर फुटौव्वल!

बिहार में महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला इसलिए अंतिम रूप नहीं ले पा रहा क्योंकि इसमें कई पार्टियां शामिल हैं

महागठबंधन में फाइनल नहीं हुआ सीट शेयरिंग का फॉर्मूला (Photo Credits: ANI)

बिहार (Bihar) की सियासत में 2018 में लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के मद्देनजर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीटों को लेकर हुई उठापटक के बाद इस साल भी काफी हलचल देखने को मिलेगी. दरअसल, महागठबंधन (Grand Alliance) में शामिल पार्टियों के बीच अभी तक सीट शेयरिंग का फॉर्मूला फाइनल नहीं हो पाया है. ऐसे में एनडीए के बाद महागठबंधन में भी सिर फुटौव्वल की स्थिति बन सकती है. बिहार में महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला इसलिए अंतिम रूप नहीं ले पा रहा क्योंकि इसमें कई पार्टियां शामिल हैं. महागठबंधन में अभी आरजेडी (RJD), कांग्रेस (Congress), आरएलएसपी (RLSP), साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP), पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और समाजवादी नेता शरद यादव की लोकतांत्रिक जनता दल शामिल हैं.

इसके अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भी खुद को महागठबंधन के पक्ष में बता रही है. वहीं, जन अधिकार पार्टी के संयोजक और बिहार के मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव ने कहा कि उनकी पार्टी तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पप्पू यादव भी महागठबंधन के पक्ष में हैं. उन्होंने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की खूब तारीफ की. साथ ही पप्पू की बातचीत कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से चल रही है. उधर, जीतन राम मांझी सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में मांझी ने एनडीए और महागठबंधन की तुलना ‘नागराज’ और ‘सांपराज’ से की थी.

बहरहाल, इस बीच बीते शनिवार को महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तेजस्वी यादव, आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और महागठबंधन में हाल ही में शामिल हुए मुकेश साहनी ने रांची की एक जेल में लालू प्रसाद से मुलाकात की. करोड़ों रुपये के चारा घोटाला मामले में दोषी ठहराए गए लालू इलाज के लिए रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं. बिहार में महागठबंधन में आरजेडी सबसे बड़ा दल है और इसलिए सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए लालू की मंजूरी की जरूरी है. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनावों से पहले यहां होगा पीएम मोदी और राहुल गांधी का मुकाबला, 28 जनवरी को होगी वोटिंग

एनडीए की ओर से बिहार में सिर्फ दो सीटों की पेशकश के बाद महागठबंधन में शामिल हुए कुशवाहा से यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें महागठबंधन में अधिक सीटें पाने की उम्मीद है? इस पर कुशवाहा ने कहा कि हमारी प्राथमिकता एनडीए को करारी शिकस्त देने की है और सीटों की संख्या को प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाना है. वहीं, बिहार कांग्रेस प्रमुख मदन मोहन झा ने कहा कि 14 जनवरी के बाद ही सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार होगा. उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि कांग्रेस को कम से कम 12 सीटें मिलनी चाहिए, लेकिन हमें इस बात को भी ध्यान में रखना होगा कि हमें कई अन्य घटक दलों को भी स्थान देना है.

अब एनडीए को शिकस्त देने के नाम पर बिहार में एक छतरी के नीचे आए सभी विपक्षी दलों के बीच सीट शेयरिंग फाइनल करना सिर फुटौव्वल की स्थिति पैदा कर सकता है. अभी वाम दलों की महागठबंधन में एंट्री की आधिकारिक घोषणा बाकी है. वहीं, पप्पू याद भी महागठबंधन में साझीदार बनने की कोशिश में लगे हैं. हालांकि मांझी ने कह दिया है कि अगर उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें नहीं मिलती हैं, तो उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगी.

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