Congress नेता कमलनाथ का बड़ा बयान, कहा- जी-23 ने गांधी परिवार के बाहर कभी कांग्रेस अध्यक्ष की मांग नहीं की
कमलनाथ (Photo Credits: ANI)

भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) ने गुरुवार को दावा किया कि 'जी-23' (G23) समूह के असंतुष्टों ने पार्टी में केवल संगठनात्मक चुनाव की मांग की और कभी भी गांधी परिवार (Gandhi Family) से बाहर के किसी नेता को पार्टी का नेतृत्व करने की मांग नहीं की है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, (जो गांधी परिवार के बेहद करीबी हैं) ने शायद पहली बार जी-23 समूह पर प्रेस के सामने बयान दिया. नाथ ने यह बयान गुरुवार को भोपाल (Bhopal) के श्यामला हिल्स स्थित अपने आवास पर प्रेस वार्ता के दौरान दिया. Congress Meeting: चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में हलचल बढ़ी, आज सुबह सोनिया गांधी पार्टी के नेताओं से करेंगी मुलाकात, शाम को होगी CWC की बैठक

उन्होंने कहा कि उनकी (जी-23 समूह) संगठनात्मक चुनावों की मांग पूरी कर दी गई है, जो चुनाव तीन महीने के भीतर होंगे. उन्होंने कहा कि सभी कांग्रेस नेता, (जो जी-23 समूह में हैं) उनके दोस्त हैं, जिनके साथ उन्होंने कई वर्षों तक पार्टी के लिए काम किया है.

गांधी परिवार के बाहर कांग्रेस अध्यक्ष की मांग का जवाब देते हुए नाथ ने कहा, "यह जी -23 समूह मेरे बहुत करीब है. वे वर्षों से मेरे सहयोगी हैं. उन्होंने कभी ऐसी कोई मांग नहीं की है. दरअसल, उनकी सभी मांगें पहले ही पूरी की जा चुकी हैं. पार्टी के चुनाव होने जा रहे हैं."

नाथ ने आगे कहा कि उन्होंने पार्टी चुनाव के लिए कहा है और वे होने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, "सदस्यता के बिना चुनाव नहीं हो सकते, इसलिए प्रक्रिया भी चल रही है और अगले तीन महीनों में चुनाव होंगे."

कांग्रेस के दिग्गज नेता ने यह भी कहा कि दिल्ली, भोपाल, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में बैठकर देश की बात करने वालों को कस्बों और गांवों की समझ नहीं है. संगठनात्मक सुधारों की मांग कर रहे जी-23 नेताओं ने इस महीने की शुरूआत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बैठकें की थीं.

इस बीच, नाथ ने बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र और मध्य प्रदेश में भाजपा सरकारों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, "दूध महंगा हो रहा है, जबकि शराब सस्ती हो रही है. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों का दूध, सब्जियों, दवाओं और दैनिक जरूरत की अन्य वस्तुओं सहित खाद्य वस्तुओं की कीमतों पर असर पड़ रहा है."

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी 2013-14 में महंगाई को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते थे और यूपीए सरकार के दौरान ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान साइकिल चलाते थे, लेकिन अब वे चुप हैं.