Bhiwandi Kidnapping Cases: महाराष्ट्र के भिवंडी में नाबालिग बच्चों के अपहरण की घटनाएं बढ़ने से दहशत, एक हफ्ते में सात लापता
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Bhiwandi Kidnapping Cases: महाराष्ट्र के भिवंडी में नाबालिग बच्चों के लापता होने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में भय और दहशत का माहौल है. पिछले दो दिनों में दो लड़कियां और एक लड़का सहित तीन बच्चे गायब हुए हैं, जबकि एक हफ्ते के भीतर कुल सात नाबालिग लापता हुए हैं। अभिभावक और स्थानीय लोग बेहद चिंतित हैं.

अब तक एक भी बच्चा बरामद नहीं

पुलिस के अनुसार, सभी मामलों में अपहरण की धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है, लेकिन अब तक एक भी बच्चा बरामद नहीं हो सका है। बच्चों का कोई सुराग न मिलने से लोगों में पुलिस की जांच को लेकर नाराज़गी और बेचैनी बढ़ती जा रही है. यह भी पढ़े: Drug Smuggler Kidnapping Case: मुंबई क्राइम ब्रांच ने ड्रग तस्कर अपहरण केस में दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया

21 नवंबर  को 15 वर्षीय लड़का गायब

पहली घटना 21 नवंबर की है. शांति नगर पुलिस स्टेशन क्षेत्र में 15 वर्षीय लड़का दोपहर करीब 3:30 बजे खाना लेने बाहर गया था, लेकिन वह भी घर नहीं लौटा. परिवार को संदेह है कि कोई अज्ञात व्यक्ति उसे बहला-फुसलाकर ले गया हो सकता है.

 22 नवंबर को  16 वर्षीय लड़की  गायब


दूसरी घटना हांडी कंपाउंड से है, जहां 22 नवंबर की दोपहर 16 वर्षीय लड़की घर के बाहर बैठने की बात कहकर निकली थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। परिजनों ने कई घंटों की तलाश के बाद भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई.

23 नवंबर को 17 वर्षीय लड़की गायब


तीसरा मामला 23 नवंबर को सामने आया, जब 17 वर्षीय लड़की दोपहर लगभग 1 बजे कुछ खाने के लिए बाहर निकली और वापस नहीं आई। तलाश के बाद परिवार ने नारपोली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई.

जांच के लिए पुलिस की टीम गठित

पुलिस ने तीनों घटनाओं की जांच के लिए कई टीमें गठित की हैं. सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, मोबाइल लोकेशन ट्रेस की जा रही है और स्थानीय मुखबिरों से जानकारी जुटाई जा रही है। इसके बावजूद अब तक किसी भी बच्चे का कोई ठोस सुराग नहीं मिला है.

दहशत में अभिभावक

नाबालिगों के बार-बार लापता होने की घटनाओं ने भिवंडी में कानून-व्यवस्था और बाल सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने पुलिस गश्त बढ़ाने और सभी बच्चों की तुरंत तलाश कर उन्हें सुरक्षित वापस लाने की मांग की है. वहीं माता-पिता पुलिस स्टेशनों के चक्कर काटते हुए अपने बच्चों की सुरक्षित वापसी की उम्मीद में प्रतीक्षा कर रहे हैं।