Beti Bachao, Beti Padhao' Campaign: पीएम मोदी को यहां से मिली 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की प्रेरणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बच्चों से खास लगाव है. कई मौकों पर यह देखने को भी मिला है. कई बार जनसभाओं और विदेश दौरे पर उनका बच्चों के साथ लाड़ दुलार करते वीडियो सोशल मीडिया पर नजर आ जाता है और वायरल भी होता है.

PM Modi | Credit- ANI

नई दिल्ली, 2 मार्च : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बच्चों से खास लगाव है. कई मौकों पर यह देखने को भी मिला है. कई बार जनसभाओं और विदेश दौरे पर उनका बच्चों के साथ लाड़ दुलार करते वीडियो सोशल मीडिया पर नजर आ जाता है और वायरल भी होता है.

इतना ही नहीं पीएम मोदी जिन बच्चों से एक बार मिलते हैं, वह उनको कभी भूलते नहीं. साथ ही पीएम मोदी उन्हें चिट्ठी लिखने की बात भी कह चुके हैं. वह कोई भी काम या वादा अधूरा नहीं छोड़ते हैं. इसी बीच मोदी स्टोरी सोशल मीडिया नाम के एक्स हैंडल से प्रधानमंत्री का एक पुराना वीडियो शेयर किया गया है. जिसमें भाजपा नेता डॉ. संजय देसाई ने उनसे जुड़ा एक पुराना किस्सा शेयर किया है. अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. यह वीडियो उस वक्त का है, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. यह भी पढ़ें : PM Modi on West Bengal: बंगाल में अपराधी खुद तय करते हैं कि उन्हें कब गिरफ्तार होना है- पीएम मोदी

डॉ. संजय देसाई ने बताया, ''मैं गुजरात के महिसागर जिले में कोटला गांव के एक स्कूल में गया था. नरेंद्र मोदी उसी स्कूल में 2-3 साल पहले गए थे. जैसे ही स्कूल में कार्यक्रम हुआ, बच्चियों का एडमिशन हो गया. इसके बाद मैं जब निकल रहा था, तब सोनल नाम की एक लड़की मेरे पास आई. तो उसने बताया कि, सर मेरा एक काम करेंगे. नरेंद्र मोदी साहब को यह चिट्ठी दे देंगे. मैंने वो चिट्ठी अपने पास रख ली. उस चिट्ठी में बस सोनल ने इतना ही लिखा था कि आदरणीय मोदी साहब जो पेड़ आपने मुझे संभालने के लिए दिया था, वह अब 12 फीट का हो गया है यानी की नरेंद्र मोदी 2-3 साल पहले जब उस स्कूल में गए थे. तब उन्होंने वहां पर खुद एक पौधा लगाया था. उस दौरान सोनल को बुलाया होगा और उसे इस पौधे की जिम्मेदारी दी होगी. साथ ही उन्होंने छात्र से कहा होगा कि इसकी देखभाल करना अब तुम्हारी जिम्मेदारी होगी.''

संजय देसाई ने आगे बताया कि उसके ठीक अगले दिन मेरी नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई. तब मैंने उन्हें उस कार्यक्रम के बारे में बताया कि मैं कडाणा तहसील के कोटला गांव में गया था. जैसे ही मैं अपनी बात पूरी खत्म कर पाता, उससे पहले उन्होंने मुझसे सोनल के बारे में जानने की कोशिश की और साथ ही पूछ लिया कि वह आजकल क्या कर रही है?, मैं एकदम चौंक गया. क्योंकि मेरे लिए यह आश्चर्य वाली बात थी. 6.5 करोड़ गुजरातियों के बीच में सोनल का नाम याद रखना बड़ा मुश्किल है और जब मैंने उनको सोनल की चिट्ठी दी. मैं देखा रहा था कि चिट्ठी देखकर वह कुछ बोल नहीं पाए और उनकी आंखों से आसू निकल आए.

उन्होंने बताया कि, इस बात से मुझे पता चला कि नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री जरूर हैं, लेकिन उनके दिल में गुजरात की हर एक छोटी-छोटी बच्ची आज भी बसती है. जिनके लिए वह आज भी प्रयत्न कर रहे हैं. संजय देसाई ने आगे बताया, नरेंद्र मोदी को वहीं से 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की प्रेरणा मिली और उन्होंने इसकी शुरुआत की.

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