
भारत की सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले बेंगलुरु के रहने वालों ने लंबे समय से जो अनुभव किया है, उसे अब गूगल मैप्स ने सच साबित कर दिया है. कभी-कभी शहर के भयानक ट्रैफ़िक जाम से गुजरने की तुलना में पैदल चलना ज़्यादा तेज़ होता है!
बेंगलुरु का ट्रैफ़िक संकट
बेंगलुरु का भारत के आईटी हब में तब्दील होना, पेशेवरों की एक विशाल भीड़ को आकर्षित करता है, लेकिन शहर का बुनियादी ढांचा इस तेजी से बढ़ते विकास के साथ तैयार नहीं हो पाया है. तेज़ शहरीकरण, खराब शहरी नियोजन और सीमित सार्वजनिक परिवहन विकल्पों के कारण, विशेषकर पीक आवर्स में सड़कों पर भीषण जाम लगते हैं. यात्री अक्सर घंटों तक ट्रैफ़िक में फंसकर जाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें नुकसान भी होता है.
This happens only in Bangalore pic.twitter.com/MQlCP7DsU7
— Ayush Singh (@imabhinashS) July 25, 2024
गूगल मैप्स ने किया खुलासा
हाल ही में X पर आयुष सिंह ने गूगल मैप्स का एक स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें ब्रिगेड मेट्रोपोलिस और केआर पुरम रेलवे स्टेशन के बीच लगभग 6 किलोमीटर की दूरी को दर्शाया गया था. स्क्रीनशॉट के मुताबिक यह दूरी गाड़ी से 44 मिनट में तय होती है, जबकि पैदल चलने में केवल 42 मिनट लगते हैं. सिंह ने स्क्रीनशॉट साझा करते हुए कमेंट किया, "यह सिर्फ़ बेंगलुरु में होता है."
जनता की प्रतिक्रिया
सिंह का पोस्ट तेजी से वायरल हो गया और एक दिन में 300,000 से ज़्यादा व्यूज़ हासिल कर लिए. कई लोगों ने सहमति जताई कि बेंगलुरु का ट्रैफ़िक वाकई निराशाजनक है, जबकि कुछ लोगों ने दूसरे बड़े शहरों में भी ऐसी स्थितियां होने का जिक्र किया. कुछ यूजर्स ने मज़ाक में बेंगलुरु को "भारत की ट्रैफ़िक राजधानी" कहा, जबकि दूसरे लोगों ने जाम से बचने के लिए सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया.