Bengaluru Police Solve Kidnapping Case: बेंगलुरु पुलिस ने 24 घंटे में सॉल्व किया किडनैपिंग का केस, 11 साल के बच्चे को छुड़ाया
अपराधी भले ही कितना भी चालाक क्यों न हो, लेकिन कानून के शिकंजे में आ ही जाता है. इसलिए खाकी वर्दी पर लोग इतना भरोसा करते हैं. एक बार फिर से किसी खाकी वर्दी ने एक मां को उसके लाल से मिला दिया है. दरअसल मामला कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु का है. जहां पर एक 11 साल के बच्चे का अपहरण कर लिया गया. उसके बाद बच्चे के माता-पिता को एक कॉल आया. फोन करके अपहरणकर्ताओं ने परिवार से 2 करोड़ की फिरौती की मांग की. इसके साथ ही धमकी देते हुए कहा कि अगर पुलिस से संपर्क किया तो अंजाम बुरा होगा. लेकिन बच्चे के माता-पिता ने पुलिस को इस बात की जानकारी देना सही समझा और उन्हें सारी घटना के बारे में बता दिया. जानकारी मिलने के तुरंत बाद पुलिस हरकत में आ गई.
अपराधी भले ही कितना भी चालाक क्यों न हो, लेकिन कानून के शिकंजे में आ ही जाता है. इसलिए खाकी वर्दी पर लोग इतना भरोसा करते हैं. एक बार फिर से किसी खाकी वर्दी ने एक मां को उसके लाल से मिला दिया है. दरअसल मामला कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु का है. जहां पर एक 11 साल के बच्चे का अपहरण कर लिया गया. उसके बाद बच्चे के माता-पिता को एक कॉल आया. फोन करके अपहरणकर्ताओं ने परिवार से 2 करोड़ की फिरौती की मांग की. इसके साथ ही धमकी देते हुए कहा कि अगर पुलिस से संपर्क किया तो अंजाम बुरा होगा. लेकिन बच्चे के माता-पिता ने पुलिस को इस बात की जानकारी देना सही समझा और उन्हें सारी घटना के बारे में बता दिया. जानकारी मिलने के तुरंत बाद पुलिस हरकत में आ गई.
वहीं, पुलिस ने अपने मुखबिरों को चारो तरफ फैला दिया. अपहरण के 24 घंटे के बीच ही पुलिस ने आरोपियों को दबोच लिया. इसके साथ ही बच्चे को भी सुरक्षित बचाकर उनके माता -पिता को सौंप दिया. बेटे को पाने के बाद मां-बाप के चेहरे पर मुस्कान और आंखो में खुशी के आंसू छलक पड़े. बेटे को पाने के बाद मां ने कहा कि उन्होंने 2 करोड़ रुपये की मांग की और हमें पुलिस से संपर्क नहीं करने के लिए कहा था. लेकिन हमने किया और पुलिस ने पूरे शहर में गहन जांच की और अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया.
ANI का ट्वीट:-
गौरतलब हो कि र्नाटक में एक व्यक्ति से 26.5 लाख रुपये की लूट के आरोप में एक पुलिस उप निरीक्षक को तथा पत्रकार होने का दावा करने वाले एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने बताया था कि 31 वर्षीय पुलिस उप निरीक्षक जीवन कुमार थॉमस और एक कन्नड़ समाचारपत्र में संवाददाता होने का दावा करनेवाले 44 वर्षीय ज्ञानप्रकाश अंथोनाप्पा ने शिव कुमारस्वामी नाम के व्यक्ति को कथित तौर पर लूटने के लिए 19 अगस्त को एक गिरोह की मदद ली थी.