Badlapur Encounter: हथकड़ी लगे आरोपी ने कैसे चलाई गोली? महाराष्ट्र में सियासी घमासान
Badlapur Case Accused | X

बदलापुर स्कूल यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस हिरासत में मौत ने महाराष्ट्र में राजनीतिक घमासान छेड़ दिया है. यह घटना तब हुई जब अक्षय शिंदे को तळोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था. पुलिस ने दावा किया कि उसने पुलिस के पिस्टल से गोली चलाकर तीन अधिकारियों को घायल कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में उसे मार गिराया. इस मामले ने विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति में गर्मी बढ़ा दी है, जहां सत्तारूढ़ महायुति सरकार और विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.

Badlapur Sexual Assault: आरोपी अक्षय की मौत पर बोले CM शिंदे, पुलिस ने अपनी रक्षा में गोली चलाई.

क्या हुआ था?

पुलिस के अनुसार, अक्षय शिंदे, जो बदलापुर के एक स्कूल में सफाईकर्मी था और दो लड़कियों के साथ यौन शोषण का आरोपी था, उसे तळोजा जेल से बदलापुर लाया जा रहा था. इस दौरान उसने पुलिस अधिकारी की पिस्टल छीन ली और गोली चला दी, जिससे तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने दावा किया कि इसके बाद जवाबी फायरिंग में अक्षय शिंदे की मौत हो गई.

विपक्ष के आरोप विपक्ष ने इस एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाए हैं. पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा, "जब अक्षय शिंदे हथकड़ी में था, तो वह गोली कैसे चला सकता है? जिस स्कूल में यह घटना हुई, वह एक बीजेपी नेता का है. इस मामले को दबाने के लिए पहले से ही कोशिशें हो रही थीं और अब इस एनकाउंटर के जरिए इसे खत्म कर दिया गया. इस पूरे मामले की जांच एक सेवानिवृत्त हाई कोर्ट जज से कराई जानी चाहिए."

एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने इसे महाराष्ट्र में "कानून व्यवस्था और न्यायिक प्रणाली का पूर्ण पतन" बताया, जबकि कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने इसे "महाराष्ट्र पुलिस के लिए काला दिन" करार दिया. चव्हाण ने कहा, "यह ठंडे दिमाग से की गई हत्या है. कोई नहीं मानेगा कि यह एनकाउंटर था. मैंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से इस मामले की जांच की मांग की है. मुझे नहीं लगता कि वर्तमान सरकार के तहत महाराष्ट्र पुलिस इस मामले में न्याय कर पाएगी."

सत्तारूढ़ पक्ष का पलटवार वहीं, महायुति सरकार ने विपक्ष पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है. शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने कहा, "जिस पुलिस पर हमला हुआ, विपक्ष उसकी हालत पूछने की बजाय राजनीति कर रहा है. पहले विपक्षी नेता अक्षय शिंदे को फांसी देने की मांग कर रहे थे, और अब वे उसी आरोपी का समर्थन कर रहे हैं."

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष उनकी सरकार की "लड़की बहिन" योजना की सफलता से घबराया हुआ है. उन्होंने विपक्ष के नेताओं के इस आचरण को "निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण" बताया.

जन आक्रोश और विरोध प्रदर्शन यह घटना तब और अधिक गंभीर हो गई जब अगस्त में बदलापुर में स्कूल के बाहर और रेलवे स्टेशन पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. इससे पहले कोलकाता में एक डॉक्टर के साथ हुए जघन्य बलात्कार और हत्या के बाद देशभर में विरोध की लहर चल रही थी, और बदलापुर की यह घटना उसी का हिस्सा बन गई. जनता में गुस्सा था और सड़क पर प्रदर्शन हो रहे थे.

निष्कर्ष बदलापुर एनकाउंटर ने महाराष्ट्र की राजनीति को हिला कर रख दिया है. जहां एक ओर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस घटना ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक तनाव बढ़ा दिया है. जनता को सच्चाई जानने का अधिकार है, और ऐसे मामलों में पारदर्शिता और निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है.