रामपुर, 15 जुलाई: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की एक अदालत ने शनिवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक मोहम्मद आजम खान को हेट स्पीच मामले में दोषी करार दिया है. एमपी/एमएलए अदालत ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए खान को दो साल की जेल की सजा सुनाई. यह भी पढ़ें: यूपी में SDM Jyoti Maurya जैसा एक और मामला, नौकरी लगने के बाद पति को छोड़ा
खान ने रामपुर के धनोरा में गठबंधन के एक उम्मीदवार के समर्थन में एक सभा को संबोधित करते हुए टिप्पणी की थी. अभद्र भाषा मामले में खान के खिलाफ रामपुर के शहजाद नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. इसे सपा के लिए एक और झटके के रूप में देखा जा रहा है. सपा विपक्षी समूह का हिस्सा है, जो 2024 के महत्वपूर्ण लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा को टक्कर देने के लिए तैयारी कर रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले आजम खान को साल 2019 में नफरत फैलाने वाले भाषण (हेट स्पीच) के एक अन्य मामले में दोषी ठहराया गया था. 17 अक्टूबर 2022 को एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट अदालत ने तीन साल जेल की सजा सुनाई थी, जिसके दो दिन बाद उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
इस बीच एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में यूपी सरकार द्वारा वाई-श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने के एक दिन बाद, आजम खान को अब "अस्थायी सुरक्षा" दी गई है. एक अधिकारी ने कहा कि फैसले की दोबारा समीक्षा की गई और खान को जिला स्तर पर सुरक्षा कवर देने का निर्णय लिया गया.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह सुरक्षा वाई श्रेणी का सुरक्षा कवर नहीं है. इस व्यवस्था के तहत, उन्हें तीन गनर उपलब्ध कराए जाएंगे. एसपी ने सुरक्षा वापस लेने की प्रक्रिया को 'अलोकतांत्रिक' करार दिया और दावा किया था कि खान की जान को अब भी खतरा है.
इस साल मई में उन्हें 2019 के एक अन्य हेट स्पीच मामले में बरी कर दिया गया था, जिसके लिए उन्हें अक्टूबर में दोषी ठहराया गया था. खान ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सीएम योगी के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी.
रामपुर अदालत ने उन्हें तीन साल की जेल की सजा सुनाई और उन्हें विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. इसके बाद खान ने रामपुर अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए एमपी/एमएलए अदालत में अपील दायर की थी. अपील पर सुनवाई के बाद अदालत ने उन पर लगाए गए आरोपों में उन्हें निर्दोष घोषित कर दिया.