राम मंदिर: धर्मसभा से पहले अयोध्या में तनाव, धारा 144 लागू, स्थानीय निवासी जुटा रहे है राशन
प्रतीकात्मक तस्वीर (Twitter)

लखनऊ: देश के शीर्ष कोर्ट में भले ही अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर बनाने का मुद्दा लंबित हो, लेकिन कोर्ट के बाहर इसकों लेकर जमकर राजनीति हो रही है. राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की ओर से 25 नवंबर को धर्मसभा आयोजित की जा रही है. इस धर्मसभा (Dharm Sabha) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और शिवसेना (Shiv Sena) सहित कई संगठन शामिल होने वाले है. वहीं धर्मसभा से पहले शहर में तनाव का माहौल है. प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए है. अयोध्या और फैजाबाद में धारा 144 लागू कर दी गई है.

जानकारी के मुताबिक अयोध्या की विवादित जमीन पर राम मंदिर (Ram Temple) निर्माण के लिए हो रही धर्मसभा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंच रहे है. हालांकि भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूरे शहर में सीआरपीएफ और पीएसी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश पुलिस को तैनात किया जा चूका है. खबरों की मानें तो यह आदेश दिया गया है कि विवादित स्थल पर मौजूदा व्यवस्था से कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए.

लोगों में खौफ का माहौल-

फैजाबाद डिविजनल कमिश्नर मनोज मिश्रा ने कहा कि परिसर के पास सिर्फ उन्हें ही जाने की अनुमति दी जाएगी जो दर्शन के लिए वहां जाना चाहते हैं. शहर में कार्यकर्ताओं के जमावड़े की वजह से स्थानीय निवासियों में खौफ साफ़ दिख रहा हैं. लोगों को आशंका है कहीं कुछ अनहोनी ना हो जाए. अयोध्या के लोग किस कदर सहमे हुए हैं, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि लोगों ने अपने-अपने घरों में राशन जुटाना शुरू कर दिया है. अयोध्या के व्यापारियों ने इस सभा का विरोध करने का फैसला किया है. धर्मसभा में आनेवाले लोगों को व्यापारी समाज काला झंडा दिखाएगी.

वीएचपी ने दी चेतावनी-

विश्व हिंदू परिषद ने ऐलान किया है कि यह धर्मसभा मंदिर निर्माण के लिए अंतिम सभा होगी. वीएचपी ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अब मंदिर के लिए सभाएं, प्रदर्शन कर संदेश नहीं दिया जाएगा और विरोधियों को समझाया नहीं जाएगा बल्कि सीधे मंदिर निर्माण होगा.

वीएचपी (VHP) के उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा था कि बाबरी मस्जिद बनाए जाते समय 15 दिन तक लड़ाई हुई, जिसके कारण मस्जिद कभी पूर्ण रूप से नहीं बन पाई. 70 से ज्यादा लड़ाइयों में 4 लाख से अधिक लोगों का बलिदान हुआ. उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद 22 दिसंबर 1949 को 40 से 50 नौजवानों ने उस ढांचे के अंदर मूर्ति की स्थापना की, तब से वहां पूजा हो रही है.

वीएचपी ने किया रोड शो-

धारा 144 लागू होने के बाद भी गुरुवार को वीएचपी ने रोड शो किया. इस रोड शो का नेतृत्व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने किया. वीएचपी नेता भोलेंद्र सिंह ने कहा, 'हम राम जन्मभूमि की लड़ाई लड़ने जा रहे हैं.' यह रोड शो फैजाबाद के मुस्लिम बहुल इलाकों से होकर भी गुजरा था. गौरतलब हो कि राम जन्म भूमि मंदिर के मुख्य पुजारी ने इस रैली को चुनाव से पहले की राजनीति बताया है.

सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका खारिज की-

उच्चतम न्यायालय ने गुरूवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में फैसला आने तक संगठनों और लोगों को, माहौल बिगड़ने से बचाने के लिए अपने विचार नहीं रखे जाने के निर्देश दिये जाने का आग्रह किया गया था.

शीर्ष कोर्ट ने चार दीवानी वाद में अपने फैसले में कहा था कि 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीनों पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला में बराबर बराबर बांट दी जाए. उच्च न्यायालय के इस निर्णय के खिलाफ 14 अपील दायर की गई हैं.