नई दिल्ली. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के ऐतिहासिक फैसले के बाद पुनर्विचार याचिका को लेकर लगातार बयानबाजी जारी रही. इसी बीच सोमवार को एक बड़ी खबर सामने आयी. अयोध्या मसले को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने आज रिव्यू पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में दायर कर दिया है. बताना चाहते है कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अरशद मदनी की ओर से देश की सबसे बड़ी अदालत में याचिका दायर की गई. इसे मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने दायर किया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस पुरे मामले को लेकर अरशद मदनी शाम 5 बजे प्रेस वार्ता करने जा रहे हैं.
खबरों के अनुसार जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने उच्च न्यायालय के फैसले के उन तीन बिंदुओं पर केंद्रित किया है, जिसमें ऐतिहासिक गलतियों का जिक्र है लेकिन फैसला इनके ठीक उलट आया. इसके साथ ही मदनी ने कहा कि सबसे अहम तो ये कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इस बात के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी. यह भी पढ़े-अयोध्या जमीन विववाद: राम लला के वकील सी एस वैद्यनाथन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, विवादित स्थल पर देवताओं की आकृतियां मिली है
अयोध्या जमीन विवाद केस: मुस्लिम पक्षकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की पुनर्विचार याचिका
Jamiat Ulema-e-Hind to file review petition in the Ayodhya land dispute case in Supreme Court today.
— ANI (@ANI) December 2, 2019
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में ये मांग की गई है कि उच्च न्यायलय केंद्र सरकार को आदेश दे कि मंदिर बनाने को लेकर ट्रस्ट का निर्माण न किया जाए.
Zafaryab Jilani, All India Muslim Personal Law Board (AIMPLB): We are not going to file the review petition (in the Ayodhya case) before Supreme Court today. We have prepared the review petition and we can do it any day before 9th December. pic.twitter.com/wrujXqrQUc
— ANI (@ANI) December 2, 2019
दूसरी तरफ अयोध्या जमीन विवाद मामले को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी पुनर्विचार याचिका दाखिल करने जा रहा है. बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हम आज रिव्यू पिटीशन दाखिल नहीं करने जा रहे है. लेकिन पुनर्विचार याचिका हमारी तरफ से तैयार है. साथ ही 9 दिसंबर से पहले हम किसी भी दिन इसे दाखिल करेंगे.