अयोध्या जमीन विवाद केस: जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की पुनर्विचार याचिका, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी जल्द दाखिल करेगा रिव्यू पिटीशन
सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: PTI/File Image)

नई दिल्ली. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के ऐतिहासिक फैसले के बाद पुनर्विचार याचिका को लेकर लगातार बयानबाजी जारी रही. इसी बीच सोमवार को एक बड़ी खबर सामने आयी. अयोध्या मसले को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने आज रिव्यू पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में दायर कर दिया है. बताना चाहते है कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अरशद मदनी की ओर से देश की सबसे बड़ी अदालत में याचिका दायर की गई. इसे मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने दायर किया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस पुरे मामले को लेकर अरशद मदनी शाम 5 बजे प्रेस वार्ता करने जा रहे हैं.

खबरों के अनुसार जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने उच्च न्यायालय के फैसले के उन तीन बिंदुओं पर केंद्रित किया है, जिसमें ऐतिहासिक गलतियों का जिक्र है लेकिन फैसला इनके ठीक उलट आया. इसके साथ ही मदनी ने कहा कि सबसे अहम तो ये कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इस बात के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी. यह भी पढ़े-अयोध्या जमीन विववाद: राम लला के वकील सी एस वैद्यनाथन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, विवादित स्थल पर देवताओं की आकृतियां मिली है

अयोध्या जमीन विवाद केस: मुस्लिम पक्षकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की पुनर्विचार याचिका

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में ये मांग की गई है कि उच्च न्यायलय केंद्र सरकार को आदेश दे कि मंदिर बनाने को लेकर ट्रस्ट का निर्माण न किया जाए.

दूसरी तरफ अयोध्या जमीन विवाद मामले को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी पुनर्विचार याचिका दाखिल करने जा रहा है. बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हम आज रिव्यू पिटीशन दाखिल नहीं करने जा रहे है. लेकिन पुनर्विचार याचिका हमारी तरफ से तैयार है. साथ ही 9 दिसंबर से पहले हम किसी भी दिन इसे दाखिल करेंगे.