अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 26 फरवरी को सुनवाई होगी. पांच सदस्यीय संवैधानिक बेंच में शामिल जस्टिस एस. ए. बोबडे (Justice S. A. Bobde) छुट्टी पर थे. हालांकि वे अब लौट आए हैं. इस बेंच में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi), जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर शामिल हैं. बता दें कि अयोध्या मामले में सुनवाई के लिए पांच सदस्यीय संवैधानिक बेंच का पुनर्गठन 25 जनवरी को किया गया था.
Ayodhya case: Supreme Court to hear the case on February 26, as Justice SA Bobde who is a part of five-judge Constitution bench, returned from leave. pic.twitter.com/AjrsQq5n6w
— ANI (@ANI) February 20, 2019
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 अपील दायर हैं. चार दीवानी मुकदमों पर सुनाए गए अपने फैसले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2.77 एकड़ जमीन को तीन पक्षों--सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था. अयोध्या मामले पर सुनवाई के लिए इस साल 8 जनवरी को गठित पांच न्यायाधीशों की संविधान बेंच में जस्टिस भूषण और जस्टिस नजीर शामिल नहीं थे. यह भी पढ़ें- तेजस्वी यादव के बंगले में शिफ्ट हुए सुशील मोदी, कहा- करोड़ों खर्च कर के बंगले को बनाया था 7 स्टार होटल
बेंच का पुनर्गठन इसलिए किया गया था क्योंकि मूल बेंच के सदस्य जस्टिस यू. यू. ललित ने 10 जनवरी को मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. उन्होंने मामले की सुनवाई में आगे हिस्सा लेने से मना कर दिया था क्योंकि वह 1997 में एक संबंधित मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की तरफ से एक वकील के तौर पर पेश हुए थे.