Farmers Protest: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले 26 नवंबर से लगातार जारी है. किसान अपनी मांगो को लेकर सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में अपना डेरा डालें हुए हैं. किसानों के आंदोलन में एक के बाद एक लोग जुड़ते ही जा रहे हैं. वहीं सरकार द्वारा किसानों की मांगो को नहीं माने जाने को लेकर सरकार की तरफ से मिले अवार्ड भी वापस किये जा रहे हैं. अवार्ड (Awards) वापस करने वाले लोगों के खिलाफ मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) एक विवादित बयान दिया है.
मीडिया के बातचीत में कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि पहले भी अवार्ड वापिस हुए थे. ये जितने भी अवार्डी हैं उन्हें अवार्ड कैसे मिले हैं? भारत माता को गाली दो, देश के टुकड़े करो. ये तथाकथित बुद्धिजीवी, तथाकथित अवार्डी ये देशभक्त नहीं हैं!: वहीं उन्होंने आगे कहा कि जो लोग प्रदर्शन कर रहे हैं वो भारतीय जनता पार्टी के विरोधी हैं और उन्हें किसानों से कोई लेना-देना नहीं है. अगर किसानों के हित में वो होते तो वे इसका कभी विरोध नहीं करते, इसका समर्थन करते. यह भी पढ़े: Farmers Protest: किसान आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रपति को अवॉर्ड लौटाने जा रहे 30 खिलाड़ियों को दिल्ली पुलिस ने रोका
#WATCH Awards were returned earlier also. How have they got the awards? 'Bharat mata ko gali do','desh ke tukde karo' get the awards. These so-called awardees and intellectuals are not patriots: Madhya Pradesh Agriculture Minister & BJP leader Kamal Patel pic.twitter.com/7FhJWBH4LV
— ANI (@ANI) December 7, 2020
वहीं अपने बयान में कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के जो किसान आंदोलन कर रहे हैं. मै किसान नेताओं से कहन चाहता हूं इन्होंने जिद कर रखी है कि बिल वापस को वापस लिया जाये. लेकिन इस मांग को नहीं मना जाएगा. उन्होंने कहा ऐसा थोड़े ही होता है. लोकतंत्र में सबसे बड़ी शक्ति जनता है और जनता के चुने जनप्रतिनिधियों ने संसद में कानून पास किया है.