Monsoon 2023: सावधान! मानसून का आनंद अवश्य लें, लेकिन मानसून जनित बीमारियों के प्रति लापरवाही घातक हो सकती है

मौसम ने करवट बदली है, दक्षिण से चला मानसून शेष भारत में पैर फैलाने लगा है. तपती गर्मी से निजात तो मिली है

प्रतीकात्मक तस्वीर (फाइल फोटो )

Rainy Season 2023: मौसम ने करवट बदली है, दक्षिण से चला मानसून शेष भारत में पैर फैलाने लगा है. तपती गर्मी से निजात तो मिली है, लेकिन आनंद में भिगोती ये बारिश की फुहारें अपने साथ कुछ आम बीमारियां भी ला सकती हैं. बारिश पूर्व तेज तापमान और ह्यूमिडिटी में कीटाणु ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं. जिससे मानसूनी बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है. इन बीमारियों में प्रमुख हैं त्वचा संक्रमण, डेंगू फीवर, मलेरिया और फ्लू इंफेक्शन इत्यादि. कहने को तो आम बीमारियां हैं, लेकिन चिकित्सक मानते हैं कि इस तरह की बीमारियों से उबरना आसान नहीं होता. इस संदर्भ में दिल्ली के चिकित्सक डॉ जितेंद्र सिंह की मानें तो मानसून का स्वागत करने के साथ ही थोड़ा एहतियात बरत कर हाइजीन रूटीन को फॉलो कर लें तो खुद को रोग मुक्त रखा जा सकता है. डॉ जितेंद्र सिंह हमारे पाठको को ऐसी ही मानसूनी बीमारियों एवं उसके उपचार के संदर्भ में बता रहे हैं. ये भी पढ़े: Monsoon Health Tips: बारिश के मौसम में रोजाना करें इन फलों का सेवन, नहीं पड़ेंगे बीमार

1. वायु जनित रोग (Airborne Disease) - मानसून में अक्सर सर्दी, फ्लू, बुखार, गले में खराश जैसी समस्याएं परेशान करती हैं. ये तकलीफें एयरबोर्न बैक्टीरिया द्वारा संक्रमित होती हैं. आपका इम्यून सिस्टम अगर कमजोर है तो इनकी जोखिम बढ़ जाते हैं. इसलिए इस तरह की बीमारियां ज्यादातर बच्चों और वृद्धों में ज्यादा पाई जाती हैं.

2. कोल्ड एंड फ्लू - बरसात के शुरू होते ही तापमान में अचानक गिरावट आती है. इस वजह से सर्दी, जुकाम, फ्लू, सर्दी और जुकाम जैसी बीमारियां परेशान करने लगती हैं. अगर समय रहते इसका भी इलाज जरूरी है क्योंकि ये दिखने में छोटी बीमारियां बिगड़ जाएं तो संभालना मुश्किल हो सकता है.

3. इन्फ्लुएंजा - इन्फ्लूएंजा भी मौसम के साथ पनपती है, और तेजी से संक्रमित होती है. इसके मुख्य लक्षणों में नाक, गला, और फेफड़े जबरदस्त रूप से प्रभावित होता है. इसके प्रति भी लापरवाही बरतना भारी पड़ सकता है.

4. मच्छरों से फैलने वाली बीमारी  (Mosquito-Borne Disease) - बारिश के मौसम में जगह जगह जलभराव के कारण गंदगी बढ़ती है, जिससे मच्छरों को पनपने का अवसर मिल जाता है. ये छोटे से मच्छर मनुष्य को मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारियों के कारण बन सकते हैं मलेरियाः मलेरिया एनोफिलीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से संक्रमित होता है. मलेरिया में मुख्य रूप मरीज को बुखार, शरीर दर्द, कंपकंपी के साथ ठंड और कभी-कभी तेज पसीने की शिकायत हो सकती है. ऐसा कोई भी लक्षण दिखे तो तत्काल अपने घरेलू चिकित्सक से सलाह लें, खुद डॉक्टर ने बनें. डेंगूः एडीज एजिप्टी प्रजाति के मच्छरों के काटने से डेंगू फैलता है. डेंगू के मुख्य लक्षणों में तेज बुखार, रैशेज, सिरदर्द और प्लेटलेट काउंट में तेजी से कमी आती है. समय रहते अगर बुखार और प्लेटलेट्स की कमी पर नियंत्रण नहीं पाया जाये तो मरीज की जान भी जा सकती है

5. चिकनगुनिया - बरसात के गंभीर बीमारियों में एक चिकनगुनिया भी है, जो वस्तुतः टाइगर एडीज एल्बोपिक्टस प्रजाति के मच्छरों के काटने से फैलता है. इसके आम लक्षणों में जोड़ों में दर्द, अत्यधिक थकान, ठंड लगना, और तेज बुखार है. इस तरह के लक्षण देखते ही बिना विलंब किए डॉक्टर को दिखाया जाए.

6. जल जनित बीमारियां  (Water Borne Disease) - अति अथवा निरंतर बरसात से जल जनित बीमारियों की संभावना  तेजी से पनपती हैं. इसके तहत डायरिया, जॉन्डिस, हेपेटाइटिस ए, टाइफाइड, हैजा और पेट संक्रमित समस्या की संभावना रहती है ये सारी बीमारियां जल जनित होती हैं. मसलन सीवरेज पाइप और जलभराव इत्यादि. ऐसे दूषित पानी से खाना बनाना बीमारियों को बढ़ाता है.

7. टाइफाइड फीवर - कॉन्टैमिनेटेड फूड और जल के कारण टाइफाइड बुखार हो सकता है टाइफाइड भी तेज बुखार से शुरू होता है. इसका भी समय रहते इलाज होना आवश्यक है.

8. हैजा - हैजा भी वायु जनित बीमारी है, जो विब्रियो हैजा नामक बैक्टीरिया द्वारा फैलाए गए संक्रमण के कारण पनपता है. इसके शुरुआती लक्षणों को देखते ही इसका इलाज शुरू करवा देना चाहिए.

Share Now

\