वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 28 जून को आर्थिक राहत पैकेज का एलान किया. उन्होंने अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए कुल 8 उपायों का ऐलान किया जिनमें से 4 उपाय बिल्कुल नए हैं. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण घोषणा आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को अगले साल मार्च तक बढ़ाने की रही. सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) के तहत पंजीकरण की अंतिम तिथि को 30 जून 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 कर दिया गया है. बता दें, एबीआरवाई के तहत 18 जून 2021 तक 79,557 प्रतिष्ठानों के जरिए 21.42 लाख लाभार्थियों को लाभ हुआ है.
क्या है आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना:
आत्मानिर्भर भारत पैकेज 3.0 के तहत पिछले साल कोविड रिकवरी चरण के दौरान औपचारिक क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने और नए रोजगार के अवसरों के सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना शुरू की गई थी. यह योजना उस वक्त 2020-2023 की अवधि के लिए शुरू की गई थी. इस योजना के तहत अभी तक करीब 21.42 लाख लाभार्थियों के लिए 902 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. सरकार का लक्ष्य लाभार्थियों की संख्या 50 लाख तक पहुंचाना है.
आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0:
आत्मनिर्भर भारत अभियान देश को कोरोना संकट से हुए नुकसान से बाहर निकालने के लिए आरंभ किया गया था. अब तक आत्मनिर्भर भारत की 2 फेज लॉन्च हो चुकी है. अब सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान की तीसरी फेज लॉन्च की गई है. तीसरी फेज के अंतर्गत 12 नई योजनाएं आरंभ की गई है, जिसके माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा. आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 के अंतर्गत नौकरी से लेकर व्यवसाय तक सभी क्षेत्रों को कवर किया गया है. इसके अंतर्गत सरकार एवं रिजर्व बैंक के द्वारा 27.1 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया गया है. यह राशि देश की जीडीपी की 13% है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा यह भी बताया गया है कि पिछले वर्ष आत्मनिर्भर भारत अभियान के 3 पैकेज लांच किए गए थे, जो अपने आप में ही 5 मिनी बजट के बराबर थे.
बढ़ी हुई अवधि से कर्मचारियों को होगा फायदा:
पंजीकरण की प्रस्तावित बढ़ी हुई अवधि के बाद औपचारिक क्षेत्र में 71.8 लाख रोजगार पैदा होने का अनुमान है. इसके साथ ही योजना का अनुमानित खर्च बढ़कर 22,098 करोड़ रुपए हो गया है. एबीआरवाई के तहत ईपीएफओ में पंजीकृत प्रतिष्ठान और उनके वे नये कामगार, जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये से कम है, उन्हें लाभ होगा. एबीआरवाई के तहत, केंद्र सरकार कर्मचारियों और नियोक्ताओं के अंश (आय का 24 प्रतिशत) या कर्मचारियों के अंश (आय का 12 प्रतिशत) की रकम दो वर्ष तक प्रदान करेगी. यह ईपीएफओ पंजीकृत प्रतिष्ठान के कुल कर्मचारियों की तादाद पर निर्भर करेगा.