Atiq Ahmed Story: जब अतीक ने की सोनिया गांधी के रिश्तेदारों की संपत्ति हड़पने की कोशिश, कांग्रेस चीफ ने खुद इस मामले में किया था हस्तक्षेप
अतीक अहमद का दबदबा जगजाहिर था, शहर का कोई भी अधिकारी पीड़ित की मदद के लिए आगे नहीं आया. सोनिया गांधी को खुद इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसके बाद अतीक अहमद को कथित तौर पर संपत्ति की असली मालकिन को चाबियां लौटानी पड़ीं.
प्रयागराज (यूपी), 21 अप्रैल: माफिया से नेता बने अतीक अहमद ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के रिश्तेदारों की संपत्ति हड़पने का प्रयास किया था. यह संपत्ति इलाहाबाद के पॉश सिविल लाइंस इलाके में वीरा गांधी की थी, इलाहाबाद को अब प्रयागराज के नाम से जाना जाता है. घटना 2007 की है जब अतीक अहमद फूलपुर से सांसद थे.
चूंकि अतीक अहमद का दबदबा जगजाहिर था, शहर का कोई भी अधिकारी पीड़ित की मदद के लिए आगे नहीं आया. सोनिया गांधी को खुद इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसके बाद अतीक अहमद को कथित तौर पर संपत्ति की असली मालकिन को चाबियां लौटानी पड़ीं. ये भी पढ़ें- Owaisi On Atiq Murder: अतीक अहमद को मारने वाले कट्टरपंथी, वे गोडसे के वारिस हैं, हत्याकांड पर बोले ओवैसी
पैलेस थिएटर के पीछे की बेशकीमती संपत्ति परिवार के बंटवारे में वीरा गांधी के हिस्से में आई. अतीक अहमद ने अस्थाना परिवार से आसपास के इलाके में कुछ जमीन खरीदी थी. जब उन्हें वीरा गांधी की संपत्ति के बारे में पता चला, तो उन्होंने अपने गुर्गों के माध्यम से उस पर जबरन कब्जा कर लिया और ताला लगवा दिया.
सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की अध्यक्ष थीं, जो केंद्र में सत्ता में थी. सूत्रों के अनुसार, वीरा गांधी ने अपनी संपत्ति वापस पाने के लिए स्थानीय पुलिस और राज्य सरकार के अधिकारियों से मदद लेने की कोशिश की थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
अंतिम उपाय के रूप में, उन्होंने कथित तौर पर सोनिया गांधी के हस्तक्षेप की मांग की, जिन्होंने रीता बहुगुणा जोशी से, जो उस समय कांग्रेस में थीं, मामले को सुलझाने के लिए कहा. 2001 से 2003 तक प्रयागराज में एसपी सिटी रह चुके पूर्व आईजी लालजी शुक्ला ने कहा, अतीक अहमद रियल एस्टेट के मामले में बेहद लालची था. उसने शहर में कई संपत्तियों पर कब्जा कर लिया था, लेकिन वीरा गांधी के मामले में उसे पीछे हटना पड़ा.
वीरा गांधी ने बाद में प्रयागराज में अपनी कई संपत्तियां बेच दी थीं और मुंबई आ गई थीं. हालांकि उन्होंने इस मामले पर बोलने से इनकार कर दिया. रीता बहुगुणा जोशी, जो अब भाजपा में हैं, उन्होंने कहा: सोनिया गांधी ने मुझे फोन किया और हस्तक्षेप करने के लिए कहा, जिसके बाद मैंने जिला प्रशासन को फोन किया और इसके परिणामस्वरूप अतीक अहमद पीछे हटने को मजबूर हुआ.