असम: शिक्षक और उसका परिवार नंगे होकर दे रहे थे 3 साल की बच्ची की बलि, फायरिंग कर पुलिस ने बचाया
असम के उदलगुड़ी जिले में कथित तौर पर एक तांत्रिक के कहने पर शनिवार को एक साइंस टीचर और उसके परिवार के चार सदस्य ने नंगे होकर पूजा-पाठ किया और फिर अपने रिश्तेदार की तीन साल की बच्ची की बलि देने जा रहे थे तभी पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस ने आकर बच्ची को बचाया.
असम (Assam) से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, उदलगुड़ी (Udalguri) जिले में कथित तौर पर एक तांत्रिक के कहने पर शनिवार को एक साइंस टीचर (Science Teacher) और उसके परिवार के चार सदस्य ने नंगे होकर पूजा-पाठ किया (Naked Prayers) और फिर अपने रिश्तेदार की तीन साल की बच्ची की बलि देने जा रहे थे तभी पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस ने आकर बच्ची को बचाया. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पकड़े जाने पर शिक्षक और उसके परिवार ने स्थानीय लोगों और पुलिस पर धारदार हथियारों (Sharp Weapons) से हमला किया.
उन्होंने अपने घर में भी आग लगा दी. इस बीच, स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश में पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में शिक्षक जदाब सहरिया (Jadab Saharia) और उसका बेटा घायल हो गया. हालांकि बाद में इलाज के दौरान शिक्षक के बेटे की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों ने शिकायत की कि शिक्षक के घर पहुंचने पर उन्होंने महिला समेत परिवार के सदस्यों को लड़की को बलि वेदी पर रखने के बाद पूजा करते हुए कपड़े उतारते हुए देखा. यह भी पढ़ें- असम में मिला 14 फीट लंबा किंग कोबरा, देखें हैरान कर देने वाली तस्वीरें
पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए हवा में गोलियां चलाई और बच्ची को परिवार के चंगुल से छुड़ाया. उधर, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि बच्ची शिक्षक की साली की बेटी है और उसके पिता ने उसकी मां की मौजूदगी में बच्ची की बलि देने के लिए उसे सौंपा था.