गुवाहाटी: असम (Assam) के तिनसुकिया (Tinsukia) जिले में 27 मई को एक प्राकृतिक गैस के कुएं में विस्फोट के बाद से तेल का लगातार रिसाव हो रहा है. हालात से निपटने के लिए सिंगापुर स्थित आपातकालीन प्रबंधन फर्म अलर्ट डिजास्टर कंट्रोल (Alert Disaster Control) से तीन सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है. जबकि आस पास के गांवों के 2500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. प्राकृतिक गैस रिसाव की चपेट में आने से मछलियों और गंगा की लुप्तप्राय डॉल्फिनों के मरने की आशंका जताई जा रही है.
मिली जानकारी के मुताबिक आयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) के बाघजान गांव (Baghjan village) के एक गैस कुएं में विस्फोट होने से डिब्रु सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान के पास मागुरी मोटापूंग झील में कथित तौर पर मछलियों और डॉल्फिन की मौत हुई है. कुछ दिन पहले ही राज्य के वन विभाग ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को नोटिस भी भेजा है. सोशल मीडिया पर कथित रूप से मरी हुई मछलियों और डॉल्फिन के फोटो वायरल हो रहे हैं. असम के छह जिलों में बाढ़ से 60,000 लोग प्रभावित
सरकारी स्वामित्व वाली ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) 2006 से यहां प्राकृतिक गैस निकाल रही है. 3,870 मीटर की गहराई से प्रति दिन लगभग 80,000 मानक क्यूबिक मीटर (SCMD) गैस का उत्पादन किया जा रहा था. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह हादसा प्राकृतिक है या किसी मानवीय चूक की वजह से हुई है. मुंबई के लोगों ने की गंध की शिकायत, बीएमसी ने कहा-कोई गैस रिसाव नहीं
तिनसुकिया जिले में डिब्रु सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान के पास बाघजन स्थित गैस कुआं में 27 मई को अचानक धमाका हो गया था. तब से वहां लगातार तेल और गैस का रिसाव हो रहा है. जिसके मद्देनजर प्रशासन ने वहां से हजारों स्थानीय लोगों को हटाया.