जेपी नड्डा ने साधा विपक्ष पर निशाना, कहा- पीओके के पीछे आपका योगदान
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नई दिल्ली, 17 दिसंबर : संविधान की यात्रा पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में नेता सदन जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि यदि हम वेद और पुराने शास्त्रों को देखें तो वहां सभा, समिति, संसद जैसे शब्दों का प्रयोग हुआ है. यह इस बात को बताता है कि चर्चा, बहस जैसी चीजें हमारी संस्कृति में रही हैं. उसी को आगे बढ़ाने में हमारे संविधान निर्माताओं ने इस बात को ध्यान में रखा कि भारत की संस्कृति, सभ्यता को ध्यान में रख करके हम अपने संविधान का निर्माण कर रहे हैं.

नड्डा ने कहा कि संविधान की मूल प्रति में हमें अजंता एलोरा, कमल के फूल की छाप मिलती है. कमल इस बात को प्रतिलक्षित करता है कि हम कीचड़ में से निकल करके आजादी की लड़ाई लड़कर नई सुबह के साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान भी हमें उस कमल से यह प्रेरणा देता है. तमाम मुसीबतों के बावजूद हम प्रजातंत्र को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. यह भी पढ़ें : एनटीए केवल उच्च शिक्षा प्रवेश परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी: प्रधान

उन्होंने कहा कि यदि पिछले 75 साल की यात्रा की बात की जाए तो पता लगता है कि बाबा साहब अंबेडकर कितने दूरदर्शी थे. देश को जोड़ने का काम उस समय के गृहमंत्री सरदार पटेल को दिया गया. उन्होंने 562 रियासतों को जोड़ा. एक जम्मू कश्मीर की रियासत का जिम्मा प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लिया था. उस समय जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 लगाया गया. इसका नतीजा यह हुआ कि संसद द्वारा पारित किए गए 106 कानून जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते थे. जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आर्टिकल 370 का विरोध किया था. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे. उन्होंने बलिदान दिया और श्रीनगर की जेल में संदिग्ध स्थिति में उन्होंने अंतिम सांस ली.

नड्डा ने कहा कि पश्चिमी पाकिस्तान से आए व्यक्ति भारत में प्रधानमंत्री और उप प्रधानमंत्री बने. इनमें मनमोहन सिंह, आई के गुजराल और लाल कृष्ण आडवाणी शामिल थे. लेकिन पीओके से आया हुआ व्यक्ति जम्मू कश्मीर की पंचायत का चुनाव तक नहीं लड़ सकता था, यह आर्टिकल 370 की देन थी.

उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 को निरस्त कर दिया गया. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं कि उनकी सूझबूझ के कारण आज जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया. नड्डा ने कहा कि अगले वर्ष 25 जून 2025 को आपातकाल लगाए जाने के 50 वर्ष पूरे हो जाएंगे. इस दिन को लोकतंत्र विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाएगा. कांग्रेस यदि आपातकाल को गलत मानती है तो कांग्रेस भी इसमें शामिल हो, इस बात का हम आह्वान करते हैं.

नड्डा ने कहा कि आपातकाल के दौरान एक लाख से ज्यादा लोगों को जेल में डाला गया. मीडिया पर प्रतिबंध व सेंसरशिप लगाई गई. कांग्रेस ने संविधान की भावना को बदलने का प्रयास किया है. आपने संविधान को फिर से लिखने का प्रयास किया है. आपने संविधान की प्रस्तावना के साथ भी छेड़छाड़ की, आपने इसमें सोशलिस्ट, सेकुलर शब्द जोड़ दिए.

विपक्ष पर हमलावर होते हुए नड्डा ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर आपका योगदान है. उन्होंने यह भी कहा कि चीन ने भारत की 38,000 वर्ग किलोमीटर भारत भूमि कब्जा कर ली क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने रक्षा तैयारियों की अनदेखी की थी.

नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संविधान के तहत संरक्षण देने का काम किया. आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का काम भी नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया. वाल्मीकि को जम्मू कश्मीर में आरक्षण देने का काम भी नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया. महिलाओं को आरक्षण देने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाई. तीन तलाक हटाने का काम भी उन्होंने किया