नई दिल्ली, 27 दिसंबर: प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) रविवार शाम दिल्ली (Delhi) के सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर जाएंगे. वह यहां शहीदी सप्ताह के मद्देनजर आयोजित सफर-ए-शहादत (Safar-e-Shahadat) कीर्तन दरबार में शाम 6 बजे शामिल होंगे. केजरीवाल इससे पहले भी कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों से मुलाकात कर चुके हैं. दिल्ली-हरियाणा सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 27 और 28 दिसंबर को गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह का शहीदी दिवस मनाने की घोषणा की है. इस कार्यक्रम के अन्तर्गत पंजाब से आए किसानों ने यहां कीर्तन दरबार और लंगर की व्यवस्था की है.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसकी आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा, सीएम अरविंद केजरीवाल शाम 6 बजे सिंघु बॉर्डर पर आयोजित किए जा रहे कीर्तन दरबार में शामिल होंगे. इस दौरान वह आंदोलनकारी किसानों से भी मुलाकात करेंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 14 दिसंबर को किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास भी रखा था. केजरीवाल के मुताबिक किसान और जवान किसी भी देश की नींव होते हैं और अगर किसी देश के किसान और जवान संकट में हो तो वह देश कैसे तरक्की कर सकता. जिस किसान को खेतों में होना चाहिए वह इतनी कड़कती ठंड में सड़कों पर बैठा है. किसान आंदोलन पर अभद्र टिप्पणी करने वाले मंत्रियों को बर्खास्त करे मोदी सरकार
Delhi CM @ArvindKejriwal to visit Singhu Border today at 6 pm.#KejriwalKisanDeNaal pic.twitter.com/dhYUMq7o6o
— AAP (@AamAadmiParty) December 27, 2020
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अपील पर दिल्ली सरकार के सभी मंत्रियों, आम आदमी पार्टी के विधायकों, पार्षदों एवं सैकड़ों अन्य कार्यकतार्ओं ने पार्टी मुख्यालय पर सामूहिक उपवास में बैठकर किसानों के प्रति अपना समर्थन जताया था.
यह दूसरा अवसर है जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों के बीच जा रहे हैं. इससे पहले 7 दिसंबर को अरविंद केजरीवाल आंदोलनकारी किसानों से मिलने दिल्ली के सिंघु बॉर्डर बॉर्डर पर पहुंचे थे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ इस दौरान उनके कई कैबिनेट सहयोगी भी मौजूद रहे. यहां कृषि कानूनों के खिलाफ खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को केजरीवाल ने अपना समर्थन दिया. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद को भी समर्थन दिया था, हालांकि दिल्ली में इस बंद का कोई खास असर देखने को नहीं मिला.
हरियाणा (Haryana) एवं पंजाब (Punjab) से आए ये किसान केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान चाहते हैं कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले.