सीमावर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर में अगस्त में नुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान खत्म करने के सरकार के फैसले के बाद घाटी के कई इलाकों में इन्टरनेट के पाबंदी पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया. इस दौरान अदालत ने कहा कि सरकार एक सप्ताह के भीतर राज्य में सभी प्रतिबंधात्मक आदेशों की समीक्षा करें. अदालत ने ये भी कहा कि कश्मीर ने बहुत हिंसा देखी है. हम सुरक्षा के साथ मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को संतुलित करने की पूरी कोशिश करेंगे.
अदालत ने ये भी कहा कि सरकार अनिश्चितकाल के लिए घाटी से इन्टरनेट को बंद नहीं कर सकती. अदालत की कार्रवाई के दौरान जजों की बेंच ने ये बात भी कही कि कश्मीर ने बहुत हिंसादेखि है. वे सुरक्षा के मुद्दे के साथ मानवाधिकारों और अभिव्यक्ति स्वतंत्रता को संतुलित करने की पूरी कोशिश करेंगे.
Supreme Court while delivering verdict on a batch of petitions on situation in J&K after abrogation of Article 370: Kashmir has seen a lot of violence. We will try our best to balance the human rights and freedoms with the issue of security pic.twitter.com/jzYY1AmDfD
— ANI (@ANI) January 10, 2020
बता दें कि केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान समाप्त करने के बाद वहां लगाये गये प्रतिबंधों को 21 नवंबर को सही ठहराया था. केन्द्र ने न्यायालय में कहा था कि सरकार के एहतियाती उपायों की वजह से ही राज्य में किसी व्यक्ति की न तो जान गई और न ही एक भी गोली चलानी पड़ी.
वहीं, घाटी में गुरुवार को दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के नतीजे घोषित हुए. इस दौरान इंटरनेट पर पाबंदी के चलते कश्मीर के हजारों छात्रों को अपने परीक्षा परिणाम जानने के लिए घाटी के बाहर रिश्तेदारों से संपर्क करना पड़ा. हजारों छात्र यहां बेमिना में जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड कार्यालय के बाहर अपना परीक्षा परिणाम जानने के लिए पहुंचे लेकिन अधिकारियों ने उन्हें लौटा दिया.